कृषि कानून पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत से विवाद सुलझता नहीं दिख रहा है। इस बीच प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में अब खिलाड़ियों और नेताओं के बाद प्रशासन से जुड़े लोग भी उतर रहे हैं। पंजाब के डीआईजी-जेल लखमिंदर सिंह जाखड़ ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि मैंने सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसके स्वीकार होने में कोई परेशान होगी।
जाखड़ को इसी साल मई में घुसखोरी के आरोपों के बाद सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि, दो महीने बाद ही 56 वर्षीय इस अफसर को दोबारा ड्यूटी पर बुला लिया गया। अब अपने इस्तीफे में जाखड़ ने कहा है कि वे नोटिस पीरियड की अपनी तीन महीने की तनख्वाह और बाकी एरियर भी जमा करने के लिए तैयार हैं, ताकि वे उन्हें जल्द से जल्द कार्यमुक्त किया जा सके।
जाखड़ ने कहा, “मैं पहले एक किसान हूं और पुलिस अफसर बाद में। आज मेरा जो भी पद है वह इसलिए है क्योंकि मेरे पिता ने एक किसान के तौर पर खेतों में काम किया और मुझे पढ़ाया-लिखाया। इसलिए मेरा सबकुछ किसानी का दिया है।” बता दें कि जाखड़ 1989 से 1994 तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) से 14 पंजाब (नाभा अकाल) रेजिमेंट के कैप्टन भी रहे थे।
गौरतलब है कि हरियाणा, पंजाब और अन्य स्थानों के हजारों किसान कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को बड़ी संख्या में लोगों को समर्थन मिल रहा है। इससे पहले अकाली दल के नेता एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने ने कहा था कि उन्होंने इन कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर किया है। शिअद (लोकतांत्रिक) नेता सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार वापस करने की घोषणा की है।
इस बीच किसान आंदोलन के समर्थन में एक के बाद एक कांग्रेस नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं। पार्टी नेता शशि थरूर भी जंतर मंतर पहुंचकर कांग्रेस सांसदों के विरोध में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मेरे मित्र यहां केंद्र सरकार से अपील कर रहे हैं कि वे किसान संगठनों के साथ मामले को सुलझाएं और 3 नवंबर से होने वाले शीत सत्र को भी शुरू कराएं।
इससे पहले कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के मुद्दे पर दिल्ली में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके घर पर पहुंचे। यह दूसरी बार है जब गृह मंत्री शाह आंदोलन खत्म करने पर मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अलग-अलग भी किसान नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें समझाने का प्रयास कर चुके हैं।