केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने अपना सांकेतिक विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है. दरअसल, डॉक्टरों पर हो रहे हमले के विरोध में आईएमए ने आज रात 9 बजे सांकेतिक प्रदर्शन और कल काला दिवस मनाने का फैसला किया था. इस बीच अमित शाह ने डॉक्टरों को सुरक्षा का भरोसा दिया.

अमित शाह ने कहा, ‘हमारे डॉक्टरों की अपने कार्य स्थल पर सुरक्षा और प्रतिष्ठा से समझौता बर्दाश्त नहीं है. हर समय उनके लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. मैंने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि मोदी सरकार उनकी हिफाजत के लिए प्रतिबद्ध है और उनसे प्रस्तावित विरोध पर पुनर्विचार करने की अपील की है.’

सांकेतिक प्रदर्शन को वापस लेते हुए आईएमए ने कहा कि आज हमारी गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और अधिकारियों से बातचीत हुई. खासतौर पर गृह मंत्री अमित शाह पूरे मामले को समझ रहे हैं और चिंचिंत हैं. भारत सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने का वादा किया है. हमें सरकार पर भरोसा है, इसलिए प्रदर्शन वापस ले रहे हैं.

कोरोना कर्तव्यों में लगे कुछ डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर हमले के खिलाफ आईएमए विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहा था. गौरतलब है कि देश के कई राज्यों से डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार, पिटाई और घरों में प्रवेश से इनकार करने की खबरें आई हैं. इससे देश के सभी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ नाराज हैं.

शिलॉन्ग और चेन्नई में कोरोनो वायरस का इलाज कर रहे दो डॉक्टरों की मौत हो गई थी. उनका अंतिम संस्कार करते समय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि स्थानीय लोगों ने दावा किया कि उनके इलाकों में दफनाने से संक्रमण फैल सकता है. इसके अलावा मुरादाबाद और इंदौर में मेडिकल स्टाफ की टीम को पीटा गया था.

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