कोरोना काल में 14 सितंबर से शुरू हुआ मॉनसून सत्र बुधवार को भी जारी है। संसद का आज तीसरा दिन है। दोपहर तीन बजे के लोकसभा की कार्यवाही चल रही है। इससे पहले राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक चली और फिर बाद में गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। उम्मीद की जा रही है कि सदन में आज कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो सकती है। इससे पहले बुधवार को राजनाथ सिंह ने संसद में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव को लेकर बयान दिया।इसके अलावा, किसानों से जुड़े तीन अध्यादेशों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। भारतीय किसान यूनियन से बड़ी संख्या में जुड़े किसान अध्यादेश के खिलाफ बुधवार को संसद के बाहर धरना प्रदर्शन करने कर सकते हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर शून्यकाल नोटिस दिया है।
Parliament Monsoon Session Day 3 Proceeding Live Updates:
– लोकसभा में दमन और दीव से बीजेपी के सांसद लालूभाई बाबूभाई पटेल ने बताया कि आज की तारीख में भारत के 270 मछुआरे और लगभग 1200 नावें पाकिस्तान के कब्जे में हैं। जो गुजरात, महाराष्ट्र, दमन और दीव से हैं। विदेश मंत्री से निवेदन है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री से बात कर इन्हें छुड़वाने की प्रक्रिया शुरू करें।
-राज्यसभा की कार्यवाही कल सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित
-कांग्रेस की मांग पर देश में कोरोना की स्थिति और सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर राज्यसभा में चर्चा हो रही है। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने लॉकडाउन लगाया तो इसके फायदे क्या-क्या हुए, इसे भी सरकार को बताना चाहिए। इसके बाद हंगामा भी हुआ।
-राज्य सभा में गृह मंत्रालय ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ की कोई सूचना नहीं है।
राजद के राज्यसभा सासंद मनोज झा ने कहा कि कोरोना काल में जून के महीने में एक क्षण ऐसा आया, जब एक महापुरुष (योगगुरु रामदेव) ने कहा कि उन्होंने कोरोना की दवाई बना ली है। उनका कोई नुकसान नहीं हुआ। उनकी दवाइयां बिक गईं। कोरोना काल में किस तरह से आयुर्वेद का गलत इस्तेमाल किया गया है, इसका हमें ध्यान रखना चाहिए।
-आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान बिल 2020 राज्यसभा से पास
-कोरोना महामारी और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में 15 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा दिए गए बयान पर आज राज्यसभा में चर्चा होनी है।
-कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ‘राजनीतिक नेताओं और प्रमुख अधिकारियों पर चीनी निगरानी’ के मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है।
-कांग्रेस सांसद वेनुगोपाल ने राज्यसभा में कहा कि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,
शेन्जेन स्थित टेक कंपनी जो चीनी सरकार से जुड़ी हुई है, वह 10000 भारतीयों को ट्रैक कर रही है। मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि क्या उसने इस पर ध्यान दिया है। अगर हां, तो क्या कार्रवाई की गई है?
– मॉनसून सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई।
– शिवसेना सांसद संजय राउत, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी संसद सत्र में भाग लेने के लिए राज्यसभा पहुंच गए।
-कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने राज्यसभा में एलएसी पर चीनी सेना की घुसपैठ और एलएसी पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य गतिरोध को लेकर छोटी अवधि की चर्चा के लिए नोटिस दिया है।
-राजद से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में कोविड-19 और प्रवासियों के कार्यबल पर इसके प्रभावों पर शून्यकाल नोटिस दिया है।
-शिवसेना नेता औ राज्यसभा सांसद संजय राउत ने राज्यसभा में जेएनपीटी (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट) बंदरगाहों के प्रस्तावित निजीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंता को लेकर शून्यकाल नोटिस दिया है।
-बसपा सांसद वीर सिंह ने राज्यसभा में लॉकडाउन और कोरोना वायरस महामारी के कारण बेरोजगारी में वृद्धि को लेकर शून्यकाल नोटिस दिया है।
चीन मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने क्या कहा था
लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीन की सेना के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन पड़ोसी देश द्वारा यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा। उन्होंने कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं, हम मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हमारे सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए डटकर खड़े हैं।
लोकसभा में पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर दिये गये एक बयान में रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इस सदन को प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि यह सदन और सारा देश सशस्त्र बलों के साथ है। उन्होंने कहा, ‘मैं इस सदन से यह आग्रह करना चाहता हॅूं कि हमें एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि हम अपने वीर जवानों के साथ कदम-से-कदम मिलाकर खड़े हैं, जो कि अपनी जान की परवाह किए हुए बगैर देश की चोटियों की उचाइयों पर विषम परिस्थितियों के बावजूद भारत माता की रक्षा कर रहे हैं।’