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ICMR ने चीन में की स्टडी को सराहा और पाया की चमगादड़ो से है इंसानो में फैला है Covid19

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बुधवार को बताया कि चीन में की गई एक रिसर्च स्टडी में यह पाया गया है कि COVID-19 महामारी की जड़ कोरोनावायरस चमगादड़ में पाए जाने वाले वायरस के वैरिएंट का ही एक बदला हुआ रूप है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बुधवार को बताया कि चीन में की गई एक रिसर्च स्टडी में यह पाया गया है कि
COVID-19 महामारी की जड़ कोरोनावायरस चमगादड़ में पाए जाने वाले वायरस के वैरिएंट का ही एक बदला हुआ रूप है.    आईसीएमआर ने कहा कि स्टडी बताती है कि यह जानलेवा वायरस सीधा चमगादड़ से लोगों को संक्रमित करता है या फिर पैंगोलिंस के जरिए इंसानों को होता है.

आईसीएमआर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. रमन आर गंगाखेडकर ने कहा कि चीन में की गई रिसर्च में पाया गया कि कोरोनावायरस पहले चमगादड़ के भीतर विकसित हुआ और उसके बाद इसने इंसानों को संक्रमित किया. उन्होंने कहा कि यह भी संभव है कि पहले यह चमगादड़ से पैंगोलिन में गया हो और फिर इंसानों में पैंगोलिन के जरिए संक्रमित हुआ हो.

उन्होंने कहा कि चमगादड़ों से इंसानों में कोरोनावायरस फैलने की घटना एक हजार सालों में एक बार होती है. हालांकि यह वायरस किसी और जंतु के जरिए हो ऐसा कम ही होता है.दुनियाभर में विशेषज्ञ इस बात पर बंटे हैं कि कोरोनावायर आखिर इंसानों तक कैसे संक्रमित हुआ.

कई वैज्ञानिकों ने इस बात को नकार दिया है कि यह वायरस  2019 के आखिर में चीन में पैंगोलिन बेचे जाने वाले एक पशु बाजार से फैला है. दुनिया भर में 20 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हैं. भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 11,933 है.

आईसीएमआर ने कहा कि उन्होंने भारत में ऐसे किसी मामले के बारे में नहीं सुना है जब ऐसा कोई वायरस चमगादड़ से फैला हो. डॉ गंगाखेडकर ने बताया “उस समय जब निपाह वायरस हुआ था, हमने भारतीय जानवरों पर एक जांच शुरू की, जिसमें जांच की गई कि क्या सभी जानवर इस तरह के वायरस को फैला सकते हैं”. “हमने पाया कि चमगादड़ दो प्रकार के होते हैं, और उनमें जो कोरोनोवायरस मिला था वह मनुष्यों को प्रभावित करने में सक्षम नहीं था.”

 

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