प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाए गए ‘जनता कर्फ्यू’ के दिन शाम 5 बजे पूरे देश में लोगों ने ताली और थाली बजाकर उन लोगों को धन्यवाद दिया जो कोरोना वायरस से अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहे हैं  दरअसल पीएम मोदी ने लोगों से डॉक्टर, नर्स, नगर निगम के कर्मचारी, पुलिस को धन्यवाद देने के लिए ऐसा आयोजन किया था. लेकिन इंदौर इसी बात को लेकर चर्चा में है. दरअसल वहां कुछ लोगों ने इस आयोजन को जुलूस का शक्ल दे दिया. जबकि इस बीमारी को रोकने के लिए बार-बार कहा जा रहा है कि भीड़ इकट्ठा न होने पाए. लेकिन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में नजारा कुछ और ही देखने को मिला. यहां पर डीएम और एसपी खुद ही जुलूस की शक्ल में शंख और घंटा बजाते हुए निकल पड़े

आप तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि किस तरह से आला प्रशासनिक अधिकारी भीड़ की अगुवाई कर रहे हैं. लेकिन जब इस पर सोशल मीडिया पर सवाल उठे तो पीलीभीत पुलिस की ओर ट्विटर हैंडल पर सफाई दी गई, ‘DM व SP द्वारा जुलूस नहीं निकाला गय. कुछ जनता चूकि बाहर आ गयी थी अतः भावनात्मक जुड़ाव के द्वारा वहां से हटाया गया. चूँकि बल प्रयोग व्यावहारिक नहीं था.  मात्र एकतरफ़ा खबर से भ्रामक खबर चलायी गयी है’.

सवाल इस बात का है जब भीड़ इकट्ठा हुई तो अधिकारियों को लोगों समझाने की बजाए उस भीड़ की अगुवाई करने की क्या जरूरत थी. जब इस बीमारी के फैलने का सबसे बड़ा खतरा सामुदायिक संक्रमण है तो भीड़ कहीं भी न इकट्ठा होने पाए इस पर सबसे पहले ध्यान देना है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here