पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने के उद्देश्य से लगातार तीसरे दिन बृहस्पतिवार को भारतीय और चीनी सेनाओं ने मेजर जनरल-स्तर की वार्ता की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। गलवान घाटी में सोमवार की शाम भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। इस झड़प में भारतीय सेना के लगभग 18 जवान गंभीर रूप से घायल हो गये थे।

सूत्रों ने बताया कि गलवान घाटी के निकट दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता मंगलवार और बुधवार को बेनतीजा रही थी। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई थी। छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी।

चीन को कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह यथोचित जवाब देने में सक्षम है। साथ ही उन्होंने कहा था कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पैंगोंग त्सो के किनारे दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत पांच मई से गलवान और पूर्वी लद्दाख के कुछ अन्य क्षेत्रों में गतिरोध बना हुआ है।

गतिरोध शुरू होने के बाद से भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया था कि पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित इलाकों में चीनी सैनिकों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई से पूरी दृढ़ता के साथ निपटा जाएगा। बता दें कि भारत और चीन के बीच कल भी सैन्य स्तर की वार्ता हुई थी लेकिन वो बेनतीजा रही। ऐसे में आज एक बार फिर बैठक चल रही है।

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