मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में गर्मी तेजी से बढ़ेगी. जिस तरह देश लॉकडाउन है, उसमें अगर मौसम भी मददगार हो गया तो भारत के लिए कोरोना से जंग आसान हो सकती है.

कोरोना से आज पूरी दुनिया संक्रमित है. दुनिया के संपन्न देशों में हर रोज कोरोना के मामले और मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इन सबके बीच एक वैज्ञानिक अध्ययन से थोड़ी राहत की सांस ये दुनिया ले सकती है. एक स्टडी में ये बात सामने आ रही है कि अगर गर्मी बढ़ेगी तो हो सकता है कि कोरोना के कहर में कमी आए.

State Wise

State Confirmed Recovered Deaths
Kerala 176 11 0
Maharashtra 162 25 4
Karnataka 64 5 3
Telengana 59 1 0
Gujarat 53 0 3
Uttar Pradesh 49 11 0
Rajasthan 50 3 0
Delhi 40 6 1
Punjab 38 0 1
Haryana 33 11 0
Tamil Nadu 38 2 1
Madhya Pradesh 33 0 2
Jammu and Kashmir 20 1 1
Ladakh 13 3 0
Andhra Pradesh 13 1 0
West Bengal 15 0 1
Chandigarh 7 0 0
Bihar 8 0 1
Chhattisgarh 6 0 0
Uttarakhand 5 0 0
Goa 3 0 0
Himachal Pradesh 3 0 1
Odisha 3 0 0
Andaman and Nicobar Islands 6 0 0
Manipur 1 0 0
Mizoram 1 0 0
Puducherry 1 0 0

Countries Affected

Country Confirmed Recovered Deaths
USA 104,205 2,525 1,701
Italy 86,498 10,950 9,134
China 81,394 74,971 3,295
Spain 65,719 9,357 5,138
Germany 50,871 6,658 351
France 32,964 5,700 1,995

इस इंस्टीट्यूट के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक मौसम अगर गर्म और नमी भरा होगा तो इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बहुत कम हो जाएगी. जिन देशों में तापमान का पारा 3 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा और नमी 4 से 9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही, वहां कोरोना वायरस के मामले 90 फीसदी पाए गए हैं. जबकि जिन देशों में पारा 18 डिग्री से ज्यादा रहा और नमी 9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा रही वहां पर ऐसे मामले 6 फीसदी ही सामने आए. एमआईटी की ये रिपोर्ट कम से कम भारत के लिए बेहद सुकून देने वाली है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में भारत में तापमान का पारा चढ़ने वाला है.

कोरोना के जहरीले वायरस से बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश हो रही है. लेकिन कोशिशों से आगे एक उम्मीद मौसम है. दुनिया की बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी और संस्थानों से ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि ठंड जाएगी, मौसम बदलेगा, गर्मी होगी और तापमान का पारा चढ़ेगा तो कोरोना की गर्मी उतरेगी और वो खत्म होगा.

वैसे ही हिंदुस्तान में इस वक्त पारा थोड़ा नीचे है लेकिन जैसे ही सूरज की तपिश बढ़ेगी, कोरोना से बचने की उम्मीदें भी बढ़ेंगी. ये उम्मीद दुनिया के जाने-माने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एमआईटी ने जगाई है.

अमेरिका में ही ये अध्ययन गर्म और ठंडे इलाके में कोरोना के कहर में भेद कर देता है. अमेरिका के उत्तरी राज्यों में ठंड ज्यादा है तो वहां दक्षिण के गर्म राज्यों की तुलना में कोरोना के मामले दोगुना आए. इस रिसर्च में ये भी कहा गया है कि भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और अफ्रीकी देशों में कोरोना के मामले इनके गर्म मौसम के कारण कम आए. बावजूद इसके कि इन देशों में घनी आबादी है और स्वास्थ्य सुविधाएं भी चीन, यूरोप और अमेरिका से काफी कमजोर हैं.

जब भारत में कोरोना के मामले बढ़ते गए तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि कोरोना को रोकने के लिए हमको सामाजिक दूरी (सोशल डिसटेंसिंग) बरतनी होगी. क्योंकि विकसित सुविधा वाले देश भी इसके खिलाफ कुछ कर नहीं पाए.

अमेरिका और यूरोप के तमाम देशों में जितनी बर्बादी कोरोना से आई है, उनकी तुलना में भारत के लिए राहत की बात है कि 130 करोड़ की आबादी में कोरोना के मामले भी कम हैं और मौत का आंकड़ा भी. ऐसे में अगर एमआईटी की रिपोर्ट सही निकलती है तो भारत के लिए इससे बड़ी राहत की बात नहीं होगी.

गर्मी आते ही लोग परेशान हो जाते हैं, लेकिन इस बार माहौल ऐसा है कि हम उसका स्वागत करेंगे. क्योंकि हो सकता है कि कोरोना के वायरस के खिलाफ वही सबसे बड़े इलाज के रूप में सामने आ जाए.

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