आम आदमी को अभी और सताएगी महंगाई, जानिए कब तक मिलेगी राहत

आलू, प्याज, टमाटर और हरी सब्जियों की आसमान छूती कीमतों से परेशान आम आदमी को अभी महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली है। अभी तीन महीने और महंगाई की मार पड़ सकती है। ऐसी आशंका  एसबीआई इकोरैप की ताजा रिपोर्ट में जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक खुदरा महंगाई दर अब दिसंबर के बाद ही 4 फीसद से नीचे आएगी। रिपोर्ट में बतायाय गया है कि इसमें इस समय आया उछाल कोरोना के कारण सप्लाई चेन का टूटना है। साथ ही, सरकार की ओर से की गई भारी खरीद से भी कीमतें बढ़ी है।

रिपोर्ट के मुताबि अगस्त का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा 7 फीसदी या उससे ऊपर बना रह सकता है। यह आंकड़ा सोमवार को यानी 14 सितंबर को जारी होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड- 19 का संक्रमण अब ग्रामीण इलाकों में जिस तरह बढ़ रहा है, उससे यह मानना कठिन है कि सप्लाई चेन जल्दी फिर से सामान्य होंगी। इस स्थिति में मुद्रास्फीति बढ़ने का ही खतरा है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को हद से हद दो फीसद घट-बढ़ के साथ चार फीसद के आस पास रखने की जिम्मेदारी दी गई है।

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बता दें जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.93 फीसद रही, जबकि पिछले साल जुलाई में यह आंकड़ा 3.15 फीसद था. मुद्रास्फीति में यह तेजी अनाज, दाल-सब्जियों और मांस-मछली के दाम बढ़ने की वजह से है। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ हमें लगता है कि मुद्रास्फीति का अगस्त का आंकड़ा सात प्रतिशत या उससे ऊपर रहेगा और यदि तुलनात्मक आधार का प्रभाव ही इसका प्राथमिक कारण है तो मुद्रास्फीति संभवत: दिसंबर या उसके बाद ही चार फीसद से नीचे दिखेगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुद्रास्फीति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में नीतिगत ब्याज दर में और कमी की उम्मीद कम ही है। फरवरी की बैठक में अगर कटौती की भी गई तो यह ज्यादा से ज्यादा 0.25 फीसद तक हो सकती है। फरवरी में मौद्रिक नीति समिति के पास मुद्रास्फीति के जो आंकड़े होंगे वे केवल दिसंबर तक के होंगे।

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