केंद्र सरकार ने कहा है कि सोमवार से आईटी और आईटीईएस कंपनियां अपने 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम शुरू कर सकती हैं. लेकिन यह भी एक सवाल है कि कंपनियों के कमर्चारी इतनी जल्दी ऑफिस में दोबारा न लौट पाएं. कर्नाटक में उप मुख्यमंत्री अश्वत नारायण के साथ हुई बैठक में  यह मुद्दा उठा है.  उप मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि हो सकता है कि कंपनियों को 50 फीसदी कर्मचारियों को दोबारा वापस लाने के लिए हफ्तों लग सकते हैं. बॉकान कंपनी की प्रबंध निदेशक किरण मजमूदार ने बैठक में कहा, पुलिस की ओर से जारी किए गए पास सिस्टम ने अच्छा काम किया है. इसको और आगे बढ़ाया जाना चाहिए. अतिरिक्त पास भी जारी किए जाने चाहिए. निजी कार कंपनियों को इतनी जल्दी छूट नहीं मिलनी चाहिए. इसकी जगह BMTC बसों को शुरू किया जाना चाहिए’

प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के संगठन नास्कॉम ने कहा है कि आईटी कंपनियां कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से कार्यालय से काम करने के लिए बुलाएंगी. शुरुआत में 15 से 20 प्रतिशत कर्मचारियों का ही दफ्तर बुलाया जाएगा. गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी बंद के मद्देनजर बुधवार को इस बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं. कोरोना वायरस फैलने के बीच सरकार ने मंगलवार को लॉकडाउन को बढ़ाकर तीन मई तक कर दिया है.

गृह मंत्रालय ने बंद की बढ़ी अवधि के दौरान राज्यों, संघ शासित प्रदेशों तथा आम जनता के लिए दिशानिर्देश जारी किए. दिशानिर्देशों के अनुसार आईटी और आईटी आधारित सेवा कंपनियों को 50 प्रतिशत तक कर्मचारियों के साथ परिचालन की अनुमति दी गई है।
नास्कॉम ने ट्वीट किया, ‘हम चरणबद्ध तरीके से कर्मचारियों को कार्यालय बुलाएंगे। शुरुआत में 15 से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को ही कार्यालय बुलाया जाएगा.’

नास्कॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने भी ट्वीट किया कि सदस्यों को कर्मचारियों को काम पर बुलाने की सूचना दीगई है. हमने पहले चरण में 15 से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने का सुझाव दिया है.

बंद के पहले चरण 24 मार्च से 14 अप्रैल के दौरान सरकार ने आईटी और आईटी आधारित सेवा कंपनियों को महत्वपूर्ण कामकाज के लिए सिर्फ नाममात्र कर्मचारी ही कार्यालय बुलाने की अनुमति दी थी. अभी आईटी कंपनियों के ज्यादातर कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं.

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