झांसी. उत्तर प्रदेश के झांसी में (COVID-19) की रिपोर्ट आने से पहले ही परिजन एक महिला मरीज को मेडिकल कॉलेज से लेकर फरार हो गए. बाद में महिला की रिपोर्ट में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई. इससे हड़कंप मच गया. अगले दिन घर पर महिला की मौत भी हो गई. इस मामले में जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने कोविड पॉजिटिव मरीज के फरार हो जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि तालपुरा निवासी एक महिला को 10 मई की रात 9.30 बजे भर्ती कराया गया था. उसे मिर्गी व दमा के साथ सांस लेने में भी परेशानी थी. स्थिति बेहद खराब थी. चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि महिला को सांस लेने में समस्या हो रही है, ऐसे में उसे कृत्रिम सांस देने के लिए वेंटिलेटर पर रखा जाना है.

महिला मरीज का नियमानुसार कोविड -19 का नमूना भी परीक्षण के लिए लिया गया, जिसकी रिपोर्ट आने में लगभग आठ घंटे का समय लगता है. लेकिन, परिजन रिपोर्ट आने से पहले ही मरीज को लेकर फरार हो गए. जबकि, बाद में मरीज का कोविड सैंपल पॉजिटिवपाया गया. बताया जा रहा है कि परिजनों ने 12 मई सुबह 5.30 बजे इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि कोविड पॉजिटिव मरीज की मौत उसके घर पर 11 मई को हो गई. इससे हड़कंप मच गया.

आनन-फानन में इलाके को सील कर हॉटस्पाट में तब्दील कर दिया गया. महिला मरीज के संपर्क में आने वाले उसके परिजन व अन्य लोगों के नमूने लिए गए, जिनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है. लेकिन, इस पूरी घटना पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है. पड़ताल में मरीज के फरार होने पर एक अटैंडेंड द्वारा सहयोग किए जाने की बात भी सामने आई है. इस प्रकरण की जांच मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौंपते हुए जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी है.

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