शिवसेना पर फिर कंगना का हमला, कहा- क्रूरता-अन्याय कितने भी शक्तिशाली हों, जीत भक्ति की ही होती है

महाराष्ट्र की शिवसेना के साथ तकरार के बीच एक्ट्रेस कंगना रनौत सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव हैं। अब कंगना रनौत ने एक ट्वीट किया है जिसमें सोमनाथ मंदिर में वे पूजा करती दिख रही हैं। इसके बहाने उन्होंने उनका दफ्तर तोड़ने वाली शिवसेना पर वार किया।

उन्होंने फोटो के साथ कैप्शन में लिखा- ‘सुप्रभात दोस्तों यह फोटो सोमनाथ मंदिर की है, सोमनाथ को कितने दरिंदों ने कितनी बार बेरहमी से उजाड़ा, मगर इतिहास गवाह है क्रूरता और अन्याय कितने भी शक्तिशाली क्यों न हो आखिर में जीत भक्ति की ही होती है, हर हर महादेव।’ दरअसल ऐसा कहा जाता है कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर को कई बार तोड़ने की कोशिश की गई थी। कई बार उस मंदिर के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास हुआ, लेकिन लोगों की भक्ति ने उसे हमेशा फिर खड़ा कर दिया।

इस पोस्ट के जरिए कंगना ने बिना नाम लिए फिर उद्धव ठाकरे सरकार पर हमला बोल दिया है। बता दें कि हाल में शिवसेना और कंगना रनौत में तकरार के बीच बीएमसी ने कंगना रनौत के दफ्तर के कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया है। कंगना के दफ्तर पर बीएमसी ने जेसीबी क्यों चलवाई, इसे लेकर उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय में इनकार किया कि उसने किसी गलत मंशा से कंगना रनौत के बंगले (दफ्तर) में कथित अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई की। कंगना रनौत ने बांद्रा के पाली हिल में अपने दफ्तर के कथित अवैध निर्माण को ढहाने की बीएमसी की कार्रवाई को चुनौती दी है। मामले में बीएमसी ने एक हलफनामा दाखिल किया है ।

बीएमसी ने कहा है, ‘याचिकाकर्ता (कंगना रनौत) ने भवन के लिए मंजूर योजना में बिना किसी अनुमति के बदलाव करते हुए अवैध निर्माण किया। अपने अवैध कृत्य को छिपाने के लिए वह बेबुनियाद और गलत आरोप लगा रही हैं तथा मामले को उलझा रही हैं।’ न्यायमूर्ति एस जे काठावाला और न्यायमूर्ति आर आई छागला की पीठ ने बुधवार को कथित अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए कहा था कि इसके पीछे ‘दुर्भावना’ प्रतीत होती है ।

बीएमसी की ओर से पेश वकील आस्पी चिनॉय ने गुरुवार को दलील दी कि कंगना रनौत ने इमारत के लिए मंजूर योजना का उल्लंघन करते हुए अपने बंगले में अवैध निर्माण कराया। चिनॉय ने कहा, ‘अदालत के निर्देश के तुरंत बाद ढहाने के काम को रोक दिया गया। लेकिन, हम अदालत से अनुरोध करते हैं कि वह याचिकाकर्ता को यथास्थिति बनाए रखने और उक्त परिसर में और कोई काम नहीं कराने का आदेश दें।’

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