भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में महीनों से तनातनी जारी है। तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों की सेना के बीच ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत चल रही है।
भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया, ‘भारतीय और चीनी सेना की पूर्वी लद्दाख के चुशुल में ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत चल रही है। यह बैठक खुले क्षेत्र में हो रही है।’ दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में जून के मध्य में हिसंक झड़प हो गई थी, जिसके बाद से माहौल और तनावपूर्ण हो गया था। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे तो वहीं, चीन के कई सैनिक मारे गए थे। हालांकि, इसके बाद फिर से दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति सामने आई थी, जब पिछले महीने 29-30 अगस्त और 31 अगस्त की रात चीन ने उकसावेपूर्ण कार्रवाई की थी। इसके बाद, सीमा पर तनाव बढ़ गया था।
वहीं, भारत ने सीमा को सुरक्षित करने के लिए अपनी पोजीशन बदली है। इस मामले की की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने कहा कि चुशुल सेक्टर में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की घुसपैठ की कोशिश के बाद सैनिकों ने अपने पोजिशन को पहले से और मजबूत कर लिया है।
तैयारियों का जायजा लेने के लिए जनरल नरवणे लद्दाख में
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज खुद सैन्य तैयारियों का जायजा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर लद्दाख पहुंचे हैं। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ करीब चार महीने से जारी गतिरोध के दौरान पिछले सप्ताह एक बार फिर तनाव बढ़ गया क्योंकि चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे के निकट एक बार फिर दोनों पक्षों की सहमति का उल्लंघन करते हुए यथा स्थिति बदलने की कोशिश की। भारतीय सेना ने इस कोशिश को विफल कर दिया और इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करते हुए सामरिक महत्व के ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर डेरा डाल लिया। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव बढ गया है।