नई दिल्ली से वाराणसी तक 865 किमी लंबे हाईस्पीड रेल कॉरिडोर में जाएगी अलीगढ़-आगरा मंडल के 155 गांव की जमीन

दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर में अलीगढ़-आगरा मंडल के 155 गांव की जमीन ली जाएगी। नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन ने इसके लिए डीपीआर तैयार करनी शुरू कर दी है। शासन के प्रमुख सचिव ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से इन गांवों का राजस्व रिकॉर्ड मांगा है।

दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर यूपी के 20 जिलों से गुजरेगा। इसके लिए 726 गांवों जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। 865 किमी. लंबे इस कॉरिडोर पर 320 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन सर्वे पूरा कर चुका है। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम शुरू किया गया है। जिसके लिए शासन के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से गांव के राजस्व नक्शे व अन्य अभिलेख मांगे हैं। हाईस्पीड रेल कॉरिडोर में अलीगढ़ मंडल के जनपद अलीगढ़ के 10, आगरा मंडल के आगरा के 44, मथुरा के 70, फिरोजाबाद के 31 गांव जद में आएंगे। प्रशासन द्वारा इन गांवों का राजस्व रिकॉर्ड हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चंद्रभूषण सिंह, डीएम, अलीगढ़ ने बताया कि हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के लिए अलीगढ़ के 10 गांव जद में आ रहे हैं। शासन ने इन गांवों का राजस्व रिकॉर्ड मांगा है। रिकॉर्ड तैयार कराया जा रहा है।
इन जिलों से होकर गुजरेगा :

गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कन्नौज, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, बस्ती।

परियोजना पर एक नजर :

-865 किमी होगी लंबाई। 320 किमी प्रति घंटा होगी ट्रेनों की रफ्तार। 1.21 लाख करोड़ रुपये आएगी लागत। 726 गांव की जमीन आ रही है जद में।

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