जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद का सम्मान के साथ मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। कर्नल आशुतोष शर्मा को मंगलवार सुबह जयपुर मिलिस्ट्री स्टेशन में अंतिम विदाई दी गई। शहीदों के परिजनों ने पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। मेजर सूद के पार्थिव शरीर के दर्शन के दौरान ब्रिगेडियर के पद से सेवानिवृत्त उनके पिता सीके सूद का सीना गर्व से तना हुआ दिखा।

कर्नल आशुतोष को मिलिट्री स्टेशन पर दी गई श्रद्धांजलि
कर्नल आशुतोष शर्मा को मंगलवार सुबह जयपुर मिलिस्ट्री स्टेशन में अंतिम विदाई दी गई। इससे पहले सोमवार को आशुतोष का पार्थिव शरीर जयपुर हवाईअड्डे पहुंचा था। जहां उनकी पत्नी पल्लवी, बेटी तमन्ना और बड़े भाई पीयूष पहुंचे थे। कर्नल आशुतोष 21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर थे।

श्रद्धांजलि देने पहुंचे गहलोत और राठौर
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर भी पहुंचे। सोमवार को जब शहीद कर्नल आशुतोष का पार्थिव शरीर जयपुर पहुंचा तो हर किसी की आंखें भर आईं और गला रुंध गया। सेना के अधिकारियों ने कर्नल की वर्दी और सामान उनकी पत्नी पल्लवी को सौंपा। उनके भाई पीयूष ने बताया कि आशुतोष का पहला प्यार वर्दी थी। उनकी एक ही धुन थी कि कंधे पर सितारे पहनने हैं। स्नातक के बाद सेना में गए।

मां-पिता ने किया नमन, पत्नी बोलीं- गर्व है शहादत पर
वहीं वीरगति को प्राप्त हुए शहीद मेजर अनुज सूद पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद के अंतिम संस्कार के लिए चिन्हित स्थल पर केवल उनके पारिवारिक सदस्यों और रिश्तेदारों को ही आने की अनुमति प्रदान की गई। उन सभी को भी एक-दूसरे से उचित फासले पर बिठाया गया। श्मशान घाट में शहीद मेजर अनुज सूद के पिता सीके सूद, मां और पत्नी मौजूद रहे। शहीद को उनके मां-पिता ने नमन किया। वहीं पत्नी ने कहा कि उन्हें अनुज की शहादत पर गर्व है और वे हमेशा मेरे साथ रहेंगे। पिता ने कहा कि अनुज ने मेरा सिर फख्र से ऊंचा कर दिया, बेटा तुझे सलाम।

पत्नी आकृति ने शहीद अनुज सूद की बहादुरी को किया नमन
शहीद मेजर का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह अमरावती एनक्लेव स्थित उनके निवास पर लाया गया। यहां अमरावती एनक्लेव रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान शमशेर शर्मा ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। अंतिम दर्शनों के समय हर किसी की आंखें नम थीं। लेकिन सभी देश के लिए शहीद हुए मेजर को सैल्यूट करते नजर आए। भारतीय सेना के जवानों ने रीति रिवाज के अनुसार शहीद के शव को गाड़ी से नीचे उतारकर मॉर्चरी हाउस ले जाया गया। बेटे के पार्थिव शरीर के दर्शन के दौरान ब्रिगेडियर के पद से सेवानिवृत्त उनके पिता सीके सूद का सीना गर्व से तना दिखा। शहीद की मां सुमन और पत्नी आकृति ने भी शहीद अनुज सूद की बहादुरी को नमन किया।

बेटी को बनाना चाहते थे आईपीएस
शहीद कर्नल आशुतोष के भाई पीयूष ने बताया कि आशुतोष कहता था कि आईपीएस बनकर समाज के लिए बहुत कुछ करना है। वो बेटी को आईपीएस बनने के लिए प्रेरित करते थे। आशु तैयारी कर रहे थे लेकिन जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी की वजह से मौका नहीं मिल पाया। अब आशु के सपने को पूरा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। हम बेटी तमन्ना को आईपीएस अधिकारी बनाएंगे।

कर्नल आशुतोष की जिद
कर्नल आशुतोष शर्मा कितने जुनूनी थे यह इस बात से ही समझा जा सकता है कि सेना में शामिल होने के सपने को साकार करने के लिए साढ़े छह साल तक 12 बार वह चयनित होने से चूकते रहे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने 13वें प्रयास में सेना की वो वर्दी हासिल कर ही ली जिसकी उन्हें तमन्ना थी।

13वें प्रयास में मिली सफलता
पीयूष ने बताया, वह किसी न किसी तरीके से सेना में शामिल होने के लिए भिड़ा रहता, जब तक कि 13वें प्रयास में उसे सफलता नहीं मिल गई। उस दिन के बाद से आशू (कर्नल शर्मा) ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कर्नल शर्मा 2000 के शुरू में सेना में शामिल हुए थे।

 

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