कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ बारिश के पानी बीच शहरवासियों की जिदगी फंसी हुई है। एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही बारिश से शहर के कई इलाकों के लोग जलजमाव की पीड़ा झेल रहे हैं। मुख्य बाजार एवं गली-मोहल्लों में जमा पानी निकालने में नाले अक्षम साबित हो रहे हैं।

नगर निगम के नालों की उड़ाही का फायदा भी शहरवासियों को नहीं मिल रहा है। शहर के बीचों बीच होकर गुजर रहे नाले जलजमाव से मुक्ति की राह में बाधक बने हुए हैं। आधा दर्जन स्थानों पर रेलवे लाइन के नीचे सालों पूर्व बने नाले जल निकासी में कारगर नहीं हैं। इसके कारण मोतीझील, जवाहरलाल रोड, स्टेशन रोड, समाहरणालय, मालगोदाम चौक, पड़ाव पोखर, सदर अस्पताल रोड जलजमाव से मुक्त नहीं हो पा रहा है। महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि सालों से जलजमाव की समस्या बनी हुई है। समस्या के स्थायी समाधान को बनी जलनिकासी योजना के काम का जिम्मा आधारभूत संरचना निगम के पास है। जहां तक निगम की बात है वह अपने काम में लगातार लगा है।

बारिश होते ही झील बन जाते हैं बाजार एवं मोहल्ले : बारिश होते ही शहर के कई मोहल्ले एवं बाजार झील में तब्दील हो जाते हैं। रविवार को हुई बारिश से एक बार फिर मोतीझील, जवाहरलाल रोड, केदारनाथ रोड, रघुवंश रोड, क्लब रोड, मिठनपुरा, आमगोला रोड, चर्च रोड, चैपमैन स्कूल रोड, संजय सिनेमा रोड, पक्कीसराय रोड पानी में डूब गया। शहर की एक दर्जन गलियों में पानी जमा हो गया। पंकज मार्केट रोड, गोला बांध रोड, चक्कर मैदान रोड, अतरदह रोड, पराव पोखर लेन, प्रोफेसर कॉलोनी आदि मोहल्ले में जलजमाव के कारण लोग पिछले एक सप्ताह से घरों में कैद हैं। इन मोहल्लों में जमा पानी महामारी को आमंत्रण दे रहा है। लोगों को अपने परिवार के स्वास्थ्य की चिता सता रही है।

जलजमाव से निजात को निगम ने झोंक रखी है पूरी ताकत : शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने की जिम्मेवारी नगर निगम की है। निगम इस जिम्मेवारी को निभाने के लिए पूरी ताकत के साथ लगा है। बरसात पूर्व नालियों की उड़ाही पर जमकर पसीना बहाया। बावजूद नाला पानी निकाल नहीं पा रहे हैं। अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद कहते हैं कि शहर को इस पीड़ा से मुक्ति दिलाने को हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं।

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