पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाली 81 साल की बुजुर्ग महिला की भी वर्षों की तपस्या पूरी हो जाएगी। छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद दंगे हुए थे, तब उन्होंने संकल्प लिया था कि राम मंदिर की नींव रखे जाने तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगी। वे पिछले 28 सालों से फलाहार के साथ राम नाम का जाप करते हुए उपवास पर हैं।

इस बुजुर्ग महिला का नाम उर्मिला देवी है जो मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के विजय नगर में रहती हैं। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए 53 साल की उम्र में उपवास शुरू किया था। पहले लोगों ने उन्हें अपना उपवास तोड़ने के लिए काफी समझया था लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग रहीं। मंदिर के पक्ष में फैसला आने पर वे बहुत खुश हुई थीं। उन्होंने फैसला सुनाने वाले उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर बधाई दी थी।

राम लला के दर्शन करने के बाद करेंगी अन्न ग्रहण
अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की नींव रखेंगे। इस दिन उर्मिला दिनभर अपने घर में राम नाम का जाप करेंगी। वे चाहती हैं कि अयोध्या में राम लला के दर्शन करने के बाद ही वे अन्न ग्रहण करें। उनके परिवार वाले उन्हें समझा रहे हैं कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से केवल आमंत्रित लोग ही अयोध्या जा सकते हैं। ऐसे में उन्हें पर उपवास तोड़ लेना चाहिए लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हैं।

अयोध्या में बिताना चाहती हैं बाकी जीवन
उर्मिला का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर बनना उनके लिए पुनर्जन्म जैसा है। उनका कहना है कि संकल्प पूरा हो गया है और अब उनकी इच्छा अयोध्या में बाकी का जीवन बिताने की है। इसके लिए उन्हें थोड़ी सी जगह चाहिए।

भूमि पूजन में शामिल न होने से दुखी हैं
जिस समय प्रधानमंत्री मंदिर के लिए भूमि पूजन करेंगी उस समय उर्मिला घर पर राम नाम का जप करेंगी। उन्हें पूजन में शामिल न हो पाने का दुख है लेकिन इसे वे राम की इच्छा मानकर संतोष कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसे कोरोना वायरस की समाप्ति से जोड़कर अंधविश्वास फैला रहे हैं।

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