बंगाल के विधानसभा चुनाव में अभी 5 महीने से ज्यादा का वक्त है लेकिन राज्य का राजनीतिक तापमान अभी से ही बढ़ा हुआ है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बांकुरा जिले के दौरे के 17 दिन के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी रविवार को बंकुरा का दौरा किया। टीएमसी नेताओं के अनुसार वह यहां 25 नवंबर तक कई इलाकों में रैलियों और सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी।
अमित शाह का दौरे पर तंज कसते हुए रानीबंध से टीएमसी विधायक ज्योतषना मंदी ने कहा,’ममता बनर्जी को प्रवासी पक्षी नहीं जो आईं और कुछ घंटे में चली जाएं। उन्होंने आदिवासी समुदाय के लिए बहुत कुछ किया है और विश्वास है कि आगे भी करेंगी। बंकुरा से टीएमसी विधायक सांपा दरिपा ने बताया,’उनके क्षेत्र के कुछ लोगों को खराब सड़क और राशन की समस्या थी। जिसे ध्यान में लिया गया।’ मुख्यमंत्री बनर्जी ने बंकुरा से एक कार्यक्रम की शुरुआत की जिसमें राज्य के सभी विधायकों को निर्देष दिया गया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में जाए। वहीं भाजपा के राज्य सचिव सत्तयंतन बसु ने मुख्यमंत्री के दौरे पर प्रश्न खड़ा किया। उन्होंने कहा,’जब यहां के लोगों को उनकी जरुरत थी तब वो यहां नहीं आई। इतने सालों में टीएमसी की सरकार ने यहां के लोगों को सिर्फ भ्रष्टाचार दिया और कुछ नहीं। आदिवासी समुदाय को सुरक्षा और नौकरी की आवश्यकता है। ममता बनर्जी कुछ भी कर लें उनकी सत्ता जानी तय है।’
इस क्षेत्र का राजनीतिक महत्व क्या है ?
दो अलग-अलग जिलों की तीन लोकसभा सीट पर 13 विधायक चुनें जाएंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में इन तीनों सीट पर भाजपा उम्मीदवार जीते थे। जिसके बाद से भाजपा नेताओं को इस क्षेत्र में बड़ी संभावना दिखी। अमित शाह का दौरा भी इसीलिए यहां हुआ था। अब ममता बनर्जी यहां पहुंचकर आदिवासी समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीतने के बाद भाजपा का जहां आत्मविश्वास पहले से बढ़ा है वहीं सतारुढ़ टीएमसी अपना किला बचाने की कोशिश कर रही है।