पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने शनिवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। इसमें उनका कहना है कि जिला प्रशासन इस समय चक्रवात तूफान अम्फान की वजह से राहत और पुनर्वास के कार्यों में व्यस्त है, इसलिए उनके लिए अगले कुछ दिनों तक स्पेशल ट्रेनों को रिसीव करना संभव नहीं होगा। इसलिए अनुरोध किया जाता है कि 26 मई तक राज्य में कोई भी ट्रेन न भेजी जाए।

चक्रवाती तूफान ने ली 80 की जान
पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से 80 लोगों की जान चली गई है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण किया और बैठक के जरिए स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार को एक हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने तूफान से निपटने में ममता बनर्जी की सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की।

इससे पहले भी ट्रेन को लेकर लिखी गई थी चिट्ठी
इस महीने की शुरुआत में ट्रेनों के संचालन को लेकर पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई थी। नौ मई को गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा था। पत्र में शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाली ट्रेनों को राज्य पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है जिससे श्रमिकों के लिए और दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर शाह ने कहा था कि ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति न देना राज्य के प्रवासी श्रमिकों के साथ अन्याय है। देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग गंतव्य स्थानों तक प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का संदर्भ देते हुए, गृह मंत्री ने पत्र में कहा था कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है।

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