कोरोना काल में हुई शादी, अब जानिए कहां मनाया जा रहा है हनीमून 

कोरोना का खौफ कम होने से पर्यटन उद्योग के साथ ही नये साल के जश्न को ऑक्सीजन मिल गई है। पिछले महीने जो नवविवाहित जोड़े हनीमून को टाल रहे थे, वे मालदीव और दुबई की उड़ान भर रहे हैं। ट्रैवल एजेंसियां गोवा के रेट में मालदीव की सैर के ऑफर से सैलानियों को लुभा रही हैं। मालदीव में हनीमून मनाने 20 से अधिक जोड़े पहुंच रहे हैं।

हनीमून के साथ नये साल के जश्न के लिए गोरखपुर के लोगों के लिए बैंकाक और नेपाल पसंदीदा जगह होते हैं। दोनों सरकारों द्वारा सैलानियों के आगमन पर ब्रेक के बाद लोग नये ठिकाने की तलाश कर रहे हैं। मंदी से जूझ रहा पर्यटन उद्योग इसे बुस्टर डोज देने के लिए आकर्षक ऑफर दे रहा हैं। फिलहाल गोवा के रेट में मालदीव के सैर का ऑफर नवविवाहिताओं को खूब लुभा रहा है। रॉयल टूर एंड ट्रैवल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अहमद माज का कहना है कि ‘मालदीव का पांच दिन का पैकेज करीब 40 हजार में मिल रहा है। ये पैकेज गोवा टूर से भी कम है। हनीमून के लिए जनवरी-फरवरी का इंतजार कर रहे नवविहाहित जोड़े दिसम्बर में ही टूर प्लान कर लिये हैं। मालदीव के बाद दूसरा पसंदीदा स्थान दुबई है।’ हनीमून टूर प्लान करने वाले राजेन्द्र नगर निवासी मोहित जायसवाल कहते हैं कि ‘मालदीव का ऑफर रेंज में था। अब कोरोना का खौफ भी कम हुआ है। पांच दिन के टूर पर 20 दिसम्बर को रवाना होना है।’ ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले अरविन्द त्रिपाठी का कहना है कि ‘वैक्सीन के दस्तक और कोरोना संक्रमण की कम हो रही संख्या से पर्यटकों की पूछताछ बढ़ी है। जो नवविवाहित जोड़े हनीमून टाल रहे थे, वे मालदीव, गोवा और अंडमान निकोबार का टूर प्लान कर रहे हैं।’ हनीमून जोड़ों के अलावा गोरखपुर में डॉक्टरों का पसंदीदा ठिकाना मालदीव बना हुआ है। फिलहाल 30 चिकित्सकों का ग्रुप मालदीव पहुंच चुका है।

गोवा-अंडमान के आइलैंड पसंदीदा ठिकाने

हनीमून जोड़ों के साथ ही नये साल के जश्न के लिए देश में गोवा, अंडमान निकोबार, जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर की सर्वाधिक मांग है। अंडमान में नील आइलैंड के साफ समुन्द्र के किनारे लोग मस्ती करने पहुंचते हैं। गोवा में हाई क्लास के सभी प्रमुख स्थान बुक हो गए हैं। अहमद माज बताते हैं कि ‘गोवा की बुकिंग 7 हजार से लेकर 50 हजार रुपये में हो रही है। सस्ते पैकेज ने मांग को और बढ़ा दिया है। पिछले वर्ष 40 हजार की बुकिंग थी, जो इस वर्ष 25 हजार रुपये है।’ नये साल के जश्न के लिए केरल और कश्मीर जाने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है।

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