देश में लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर लगातार हादसों का शिकार हो रहे हैं। किसी तरह अपने घरों को लौट रहे मजदूर दुर्घटनाओं में अपनी जान गंंवा रहे हैं। कहीं वाहनों में सवार मजदूर हादसे का शिकार बन रहे हैं तो कहीं पैदल चल रहे मजदूरों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ रहा है। ऐसे वक्त पर जब सड़कों पर ट्रैफिक कम है, तब भी सड़क हादसे लगातार सामने आ रहे हैं।

पिछले आठ दिनों में 70 से ज्यादा मजदूर सड़क हादसों में जान गंवा चुके हैं। आज मजदूरों के साथ दो बड़े सड़क हादसे हुए हैं। पहला हादसा यूपी के औरैया में हुआ तो दूसरा मध्यप्रदेश के सागर में हुआ। कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे के बाद से मजदूरों के साथ हो रही घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इन हादसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

यूपी में ट्रॉला और डीसीएम की टक्कर में 24 मजदूरों की मौत
यूपी के औरैया जिले में शनिवार सुबह भीषण सड़क हादसा हुआ। दिल्ली-कोलकाता हाईवे पर एक ढाबे के पास चाय पीने को रुकी मजदूरों से भरी डीसीएम में एक ट्रॉले ने टक्कर मार दी। हादसे में अब-तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 22 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गंभीर हालत होने के कारण 15 लोगों को सैफई रेफर किया गया है।

मध्यप्रदेश के सागर जिले में दर्दनाक सड़क हादसा
मध्यप्रदेश के सागर जिले में बंडा के नजदीक शनिवार को एक भीषण सड़क हादसे में पांच प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई है। बताया गया है कि प्रवासी मजदूरों को ले रहा ट्रक रास्ते में पलट गया, जिससे पांच मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। एएसपी प्रवीण भूरिया ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ये मजदूर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रहे थे।

मध्यप्रदेश में तीन मजदूरों की मौत
मध्यप्रदेश में एबी रोड बायपास पर शुक्रवार को मुंबई से आ रहे मजदूरों का वाहन हादसे का शिकार हुआ। मजदूरों के वाहन को पीछे से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। इस घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 14 लोग घायल हो गए। यह सभी लोग यूपी के गाजीपुर जिले के तहत आने वाले ग्राम जोनीपुर के निवासी थे।

मध्यप्रदेश में सड़क हादसे में आठ मजदूरों की मौत
गुरुवार को मध्यप्रदेश के गुना में एक ट्रक और बस की टक्कर होने से आठ मजदूरों की मौत हो गई जबकि लगभग 50 घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी मृतक मजदूर महाराष्ट्र से अपने गृह राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश जा रहे थे। हादसा गुरुवार तड़के गुना के पास हुआ जब प्रवासी श्रमिक महाराष्ट्र से एक बस के द्वारा उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे थे। हादसे के तुरंत बाद पीड़ितों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।

मुजफ्फरनगर में सड़क दुर्घटना में छह मजदूरों की मौत
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर बुधवार देर रात घलौली चेकपोस्ट और रोहाना टोल प्लाजा के पास एक रोडवेज बस ने पैदल जा रहे मजदूरों को कुचल दिया। इस हादसे में छह मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से दो घायलों को मेरठ रेफर किया गया। सभी मजदूर पंजाब से पैदल लौट रहे थे। मृतक और घायल मजदूर बिहार प्रांत के जनपद गोपालगंज के थे।

बिहार में दो मजदूरों की मौत, 12 घायल
बिहार के समस्तीपुर के शंकर चौक में गुरुवार सुबह बस और ट्रक के बीच भिड़ंत हो गई। इसमें दो मजदूरों की मौत हो गई जबकि 12 घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बस मुजफ्फरपुर से कटिहार जा रही थी और इसमें 32 प्रवासी मजदूर मौजूद थे।

तेलंगाना में चार मजदूरों की मौत
तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले से झारखंड के गढ़वा लौट रहे 21 मजदूर 12 मई को सड़क हादसे का शिकार हो गए। इनमें से चार मजदूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और 17 घायल हो गए। मृतकों में से तीन गढ़वा जिले के थे, जबकि एक यूपी का रहने वाला था।

घायल मजदूरों ने बताया कि 21 मजदूर 11 मई को पैदल गढ़वा के लिए निकले थे। ये लोग अलग-अलग सवारी से नागपुर हाइवे पहुंचे। वहां से कोई वाहन नहीं मिला, तो पैदल आगे बढ़ने लगे। 15 किलोमीटर आगे बढ़ने पर इन्हें एक टाटा मैजिक मिली। आगे चलकर गाड़ी का टायर फट गया और वह पलट गई।

मध्यप्रदेश में पांच मजदूरों की मौत
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में नौ मई को एक सड़क हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो गई। नेशनल हाइवे-44 पर पाठा के पास आम से भरा एक ट्रक पलट गया। इस ट्रक में 20 मजदूर बैठे हुए थे। हादसे में पांच मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 13 घायल हो गए।

औरंगाबाद में रेल से कटकर 16 मजदूरों की मौत
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में आठ मई को एक मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर मध्यप्रदेश लौट रहे थे। वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। ट्रेन ने सुबह सवा पांच बजे उन्हें कुचल दिया।

पांच मई को इन सभी मजदूरों ने जालना से अपना सफर शुरू किया था। पहले ये सभी सड़क के रास्ते मध्यप्रदेश जा रहे थे लेकिन औरंगाबाद के पास पहुंचने के बाद उन्होंने रेलवे ट्रैक के करीब चलना शुरू कर दिया।

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