नीट और जेईई के परीक्षा को टालने की मांग लगातार हो रही है और छात्रों की इस मांग का विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला है। वहीं अब गैर बीजेपी शासित राज्यों के छह मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को इस साल नीट, जेईई परीक्षाएं कराने की अनुमति देने वाले उसके आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया।

वहीं, दूसरी तरफ राजनीतिक दलों के विरोध के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेईई और नीट के आयोजन की तैयारियां तेज कर दी है। बुधवार शाम तक जेईई-नीट के करीब 23 लाख में 14 लाख अभ्यर्थियों ने इसे डाउनलोड भी कर लिया। एनटीए के चैयरमैन विनीत जोशी ने कहा कि यह दर्शाता है कि बच्चे बेसब्री से परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।

सीएम पटनायक ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित प्रदेशों के बाद अब ओडिशा सरकार भी नीट और जेईई की परीक्षा टालने के पक्ष में है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है और इन परीक्षाओं को स्थगित करने का अनुरोध किया। बुधवार को सोनिया गांधी की अगुवाई में गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग इस मुद्दे पर बैठक हुई थी। एएनआई के मुताबिक, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान सीएम पटनायक ने पीएम मोदी से कोरोना वायरस के हालात और राज्य के कई हिस्सों में आई बाढ़ के मद्देनजर नीट और जेईई की परीक्षाएं टालने करने का अनुरोध किया।

नीट और जेईई के परीक्षा का विरोध करने वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने क्या कहा

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि सितंबर में कोरोना वायरस के मामले और बढ़ सकते हैं, ऐसी स्थिति में परीक्षाएं कैसे कराई जा सकती हैं?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि आज कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है और संकट बढ़ गया है तो परीक्षाएं कैसे ली जा सकती हैं? राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की पैरवी की और केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ न्यायालय का रुख करने के विचार से सहमति जताई।

उधर, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए केन्द्र सरकार से छात्रों के चयन के लिए वैकल्पिक पद्धति पर काम करने का अनुरोध किया। सिसोदिया ने कहा, ‘तमाम ऐहतियाती कदम उठाने के बावजूद बहुत सारे शीर्ष नेता संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में हम 28 लाख छात्रों को परीक्षा केन्द्र भेजने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे इसकी चपेट में नहीं आएंगे।’

द्रमुक के मुखिया एम के स्टालिन ने इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग करते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार को इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए। गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) तय कार्यक्रम के अनुसार सितंबर में ही आयोजित की जाएंगी।