उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश ने भी राजस्थान के कोटा से अपने बच्चों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लॉकडाउन की वजह से मध्य प्रदेश के करीब 2000 बच्चे कोटा में फंसे हैं. इन्हें लाने के लिए एमपी सरकार की ओर से 150 बसों का काफिला कोटा रवाना कर दिया गया है. कोटा जाने से पहले सभी बसें ग्वालियर पहुंचीं.

ग्वालियर पहुंचीं सभी बसों को पहले सैनिटाइज किया गया और फिर इन्हें मंगलवार सुबह कोटा के लिए रवाना कर दिया गया है. ग्वालियर के एसपी नवनीत भसीन ने कहा कि हर बस में पुलिसकर्मी मौजूद रहेगा. बस के ड्राइवर और कंडक्टर को पीपीई किट्स दे दिए गए हैं. सभी 150 बसें मंगलवार शाम तक कोटा पहुंच जाएंगी.

मंगलवार शाम को ही बसों में मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बच्चों को बैठाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके बाद बसें बुधवार सुबह अपने-अपने जिले के रवाना हो जाएंगी. बच्चों का मेडिकल टेस्ट उनके जिले में होगा. इसके लिए हर जिला प्रशासन को जरूरी मेडिकल उपकरण दिए जा चुके हैं. जिन बच्चों में लक्षण नहीं मिलेंगे, उन्हें होम क्वारनटीन किया जाएगा.

राजस्थान के कोटा में फंसे अपने राज्य के छात्रों को ले जाने के लिए पांच और राज्य सहमत हो गए हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम के मुख्यमंत्री इसके लिए सहमत हो गए हैं. मध्य प्रदेश ने बच्चों को लाने के लिए बसें भेज दी हैं.

इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के बावजूद करीब ढाई सौ बसें भेजकर अपने यहां के छात्रों को बुला लिया था. वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने यहां के छात्रों के लिए प्रधानमंत्री से इजाजत मांगी हैं. उनका कहना है कि हमें इजाजत नहीं मिल रही हैं.

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