स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हो रही हिंसा लेकर केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाई है. अध्यादेश के अनुसार स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है. अध्यादेश के जारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया. ‘महामारी संशोधन अध्यादेश 2020 अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ता को बचाने को लेकर हारी प्रतिबद्धता की झलक दिखाती है. ये हमारे सभी पेशेवर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं हो सकता.
PM @narendramodi’s govt is committed to protecting those who are protecting India during these challenging times.
Bringing an ordinance to end violence against our doctors & health workers is a testimony of the same. This will go a long way in assuring their safety and dignity.
— Abhishek Parikh🇮🇳 (@iAbhishekParikh) April 23, 2020
सरकार की तरफ से स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिए लाए गए अध्यादेश के तहत अगर इस मामले में किसी को दोषी पाया गया तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक की कैद की सजा हो सकती है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कैबिनेट ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ऑर्डिनेंस जारी करने का फैसला किया है.
The Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance, 2020 manifests our commitment to protect each and every healthcare worker who is bravely battling COVID-19 on the frontline.
It will ensure safety of our professionals. There can be no compromise on their safety!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2020
एपिडेमिक डिसिजेज एक्ट (ईडीए) 1897 में अमेंडमेंट को कैबिनेट ने अप्रूव किया है. स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा करना संज्ञेय और गैरजमानती अधराध की श्रेणी आएगा. इसके तहत 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है, जबकि 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.