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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए आज से नॉमिनेशन, जानें NDA और महागठबंधन में कहां तक पहुंची सीट शेयरिंग की बात

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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए आज से नॉमिनेशन, जानें NDA और महागठबंधन में कहां तक पहुंची सीट शेयरिंग की बात

बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 71 सीटों के लिए गुरुवार से नामांकन शुरू होगा। उधर, राज्य के दो बड़े गठबंधनों में सीट बंटवारे की गुत्थी बुधवार देर शाम तक नहीं सुलझी। देर शाम तक तक सीट बंटवारे पर बैठकों का दौर जारी रहा। हालांकि, बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की कवायद शुरू हो गई है। भाजपा नेतृत्व ने पहले अपने केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के साथ बैठक की है। अब एनडीए के घटक दलों के साथ बातचीत की जा रही है। नीतीश से चर्चा करने के लिए भूपेंद्र यादव व देवेंद्र फडणवीस पटना रवाना हो गए हैं। चिराग पासवान से दिल्ली में ही बात की जाएगी। एक-दो दिन के भीतर सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी।

एनडीए के बिहार के तीनों प्रमुख दलों भाजपा, जद (यू) और लोजपा के कई नेता बुधवार को दिल्ली में मौजूद रहे और अलग-अलग रणनीति बनाने में जुटे रहे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दोपहर में लगभग तीन घंटे लंबी बैठक में प्रदेश नेतृत्व के साथ सीटों के बंटवारे से लेकर उनको चिह्नित करने, चुनाव अभियान के मुद्दे पर लंबी चर्चा की है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रभारी महासचिव भूपेंद्र यादव, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, मंत्री मंगल पांडे और संगठन मंत्री नागेंद्र मौजूद रहे।

फडणवीस बिहार के लिए चुनाव प्रभारी घोषित

बैठक के बाद भूपेंद्र यादव ने कहा की एनडीए एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा और वही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा, जद (यू) और लोजपा तीनों एक साथ हैं और चुनाव भी मिलकर लड़ेंगे। जद (यू) को समर्थन देने वाली जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा भी मिलकर चुनाव लड़ेगी। बैठक के दौरान ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बिहार के लिए चुनाव प्रभारी बनाने की घोषणा की गई। हालांकि, वह काफी पहले से ही बिहार का कामकाज देख रहे थे। इसके पहले भाजपा ने तय किया कि सहयोगी दलों से बातचीत का काम भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस करेंगे।

पांच वर्गों में चिह्नित कीं सीटें

भाजपा नेताओं ने बैठक में प्रदेश की सीटों को पांच वर्गों ए, बी, सी, डी, ई में बांटा है और उनके अनुसार रणनीति पर विचार किया जा रहा है। बैठक में बिहार की राजनीतिक समीक्षा और विपक्षी दलों को लेकर भी चर्चा की गई। इसके अलावा चुनाव अभियान की तैयारी पर भी बात हुई, क्योंकि कोरोना काल में बड़ी सभाओं से बचा जाएगा और वर्चुअल माध्यम पर जोर दिया जाएगा।

नीतीश से चर्चा होगी

सूत्रों के अनुसार लोजपा के पेच को सुलझाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व और चिराग पासवान के बीच एक बार चर्चा होगी। इसके बाद तीनों घटक दलों के नेता एक साथ बैठकर सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देंगे। इस बीच भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस पटना पहुंचकर नीतीश कुमार से बातचीत करेंगे। इधर चिराग पासवान से भी केंद्रीय नेतृत्व की चर्चा हो जाएगी और विधिवत बंटवारे के साथ घोषणा पर भी नीतीश के साथ चर्चा की जाएगी।

जोर आजमाइश के बावजूद कांग्रेस को राजद से गठबंधन की उम्मीद

बिहार में सीट बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के बीच जोर आजमाइश जारी है। इसके बावजूद पार्टी का कहना है कि दोनों पार्टियां मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान और राजद नेता तेजस्वी यादव के बीच इस मुद्दे पर जल्द बातचीत हो सकती है। इस बीच पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के पैनल को अंतिम रूप दे दिया है।

बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और स्क्रीनिंग समिति के अध्यक्ष अविनाश पांडे के साथ लंबी बैठक की। बैठक के बाद मदन मोहन झा ने कहा कि हमने संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की है। पार्टी को विधानसभा की लगभग सभी सीट पर टिकट के लिए आवेदन मिले हैं। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर और अखिलेश सिंह ने भी पार्टी वाररुम में गोहिल और पांडे से मुलाकात की। मुलाकात के बाद तारिक अनवर ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच बातचीत चल रही है। राजद और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेंगे। गोहिल और पांडे ने प्रदेश कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेताओं से भी चर्चा की है।

कांग्रेस ने मांगा 75 सीट

दरअसल, सीट बंटवारे को लेकर राजद और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस कम से कम 75 सीट की मांग कर रही है, जबकि राजद 60 सीट देने के लिए तैयार है। पार्टी की दलील है कि हम पार्टी और आरएलएसपी के महागठबंधन से बाहर जाने के बाद उसकी दावेदारी बढ़ी है। इसलिए कांग्रेस को अधिक सीट मिलनी चाहिए।

गठबंधन नहीं टूटेगा

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनाव में हर पार्टी की कोशिश होती है कि वह अधिक से अधिक सीट पर चुनाव लड़े। पर जोर आजमाइश गठबंधन टूटने की हद तक नहीं पहुंचेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेंगे। दोनों पार्टियां जल्द आपस में सीट की संख्या तय कर गठबंधन का ऐलान कर देंगी।

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