कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिये जारी लॉकडाउन के बीच देश से कुछ ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जो सांप्रदायिक सौहार्द को चोट पहुंचाने वाली हैं. तबलीगी जमात से जुड़े कोरोना केस सामने आने के बाद से एक वर्ग विशेष को टारगेट करने की कुछ घटनाएं सामने आई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने साफ कहा है कि इस पूरे माहौल में एकता और भाईचारे को प्रधानता दी जाये, बावजूद इसके कुछ लोग मानने को राजी नहीं हैं.

अब भारतीय जनता पार्टी के ही एक विधायक का वीडियो सामने आया है, जिसमें वो सब्जी खरीदने को लेकर लोगों को आगाह कर रहे हैं. यूपी के देवरिया जिले की बरहज विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश तिवारी का ये वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में बीजेपी विधायक कुछ लोगों से कह रहे हैं, ‘एक चीज ध्यान में रखियेगा आप लोग, मैं सबको बोल रहा हूं ओपनली, कोई भी मियां (मुसलमान) के यहां से सब्जी नहीं खरीदेगा.’

विधायक जब ये बात कर रहे हैं तो उसी वक्त पीछे से कोई उन्हें बताता है कि दिल्ली में मुकदमा दर्ज हुआ है. बता दें कि दिल्ली में एक शख्स एक मुस्लिम सब्जी बेचने वाले का नाम पूछकर उसकी पिटाई करता है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद शख्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. हालांकि, इस तरह की घटना देश के दूसरे हिस्सों से भी सामने आ रही हैं.

हाल ही में जमशेदपुर से फल दुकानों पर विश्व हिंदू परिषद के पोस्टर की तस्वीरें सामने आई हैं. इन पोस्टरों में हिंदू फल दुकान लिखा गया है और फलों की दुकान पर लगाया गया है. पोस्टरों को लेकर जमशेदपुर पुलिस ने लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किये हैं. मेरठ में वैलेंटिस कैंसर अस्पताल ने बाकायदा विज्ञापन छापा है कि मुसलमान केवल तब आयें जब उनकी कोरोना की जांच हो चुकी हो. मुंबई में एक शख्स ने डिलीवरी ब्वॉय के मुस्लिम होने के चलते उससे सामान लेने से इनकार कर दिया. इसके अलावा दिल्ली का एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सब्जी या दूसरे ठेले वालों का आधार कार्ड देखकर एंट्री दिये जाने की बात की जा रही है.

अब तक आम लोग इस तरह की भेदभाव वाली घटनाओं में शामिल नजर आ रहे थे, लेकिन यूपी के बीजेपी विधायक सुरेश तिवारी का यह बयान एक जनप्रतिनिधि होने के नाते काफी चिंताजनक है. हालांकि, ये वीडियो 4-5 दिन पुराना बताया जा रहा है लेकिन तबलीगी जमात से जुड़े केस सामने आने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत तक ये बात कह चुके हैं कि इस बीमारी को किसी धर्म, जाति से नहीं जोड़ा जाये.

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