हिमाचल में डेढ़ लाख करदाता राशन सब्सिडी से बाहर

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई।  बैठक में केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया गया। यह पैकेज कमजोर वर्गों, व्यवसाय समुदाय, श्रमिकों और आम जनता को राहत प्रदान करके देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। यह पैकेज एक मजबूत, जीवंत और आत्मनिर्भर भारत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। कैबिनेट ने प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कई फैसले लिए हैं।

अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए और छोटी इकाइयों और ठेकेदारों के नियोक्ताओं की सुविधा के लिए कैबिनेट ने अनुबंध श्रम अधिनियम, 1970 (1970 का 37) के अनुभाग-1 में आवश्यक संशोधन करने के लिए मंजूरी दे दी। इसमें अनुबंध श्रमिकों की संख्या 20 से 30 करने का प्रस्ताव है। इससे राज्य में औद्योगिक निवेश, उत्पादन और व्यापार करने में आसानी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

राज्य में छोटी इकाइयों में विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ाने के लिए 10 और 20 श्रमिकों की मौजूदा सीमा को बढ़ाकर 20 और 40 कर दिया गया है। यह संशोधन छोटी विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करेगा और श्रमिकों के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसी तरह वर्तमान में कोई भी कर्मचारी किसी भी तिमाही में अधिकतम 75 घंटे काम कर सकता है। लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 115 घंटे करने का प्रस्ताव है। ओवरटाइम का भुगतान साधारण मजदूरी की दर से दोगुना करना होगा, ताकि श्रमिकों को कमाने के अधिक अवसर मिल सकें।

कैबिनेट ने औद्योगिक विवाद अधिनियम के विभिन्न अनुभागों में संशोधन करने पर भी अपनी सहमति दी। इससे औद्योगिक निवेश, उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य में व्यापार करने में आसानी होगी। यह औद्योगिक प्रतिष्ठानों और कामगारों को व्यावसायिक अनुकूल वातावरण प्रदान करने में साथ रोजगार के अवसरों को बढ़ाना सुनिश्चित करेगा।

हिमाचल कैबिनेट ने एक साल के लिए करदाताओं को डिपो में मिलने वाले राशन की सब्सिडी से बाहर कर दिया है, जबकि एपीएल उपभोक्ताओं को राशन में मिलने वाली सब्सिडी आधी कर दी। बुधवार को पीटरहॉफ शिमला हिमाचल कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार ने बीपीएल परिवार की सालाना आय सीमा बढ़ाने को भी मंजूरी दी। 45 हजार रुपये सालाना आमदनी वाले लोग अब गरीबों की श्रेणी में आएंगे। सरकार के इस फैसले से डेढ़ लाख राशन कार्ड उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। एपीएल के ये लोग एनएफएसए में गरीब परिवारों की श्रेणी के तहत कवर होंगे।

सरकार से इस फैसले से 71 करोड़ रुपये की बचत होगी। यह पैसा कोविड-19 फंड में जाएगा। हिमाचल में साढ़े 18 लाख राशन कार्ड परिवार हैं। इनमें साढ़े 12 लाख एपीएल राशन कार्ड और पौने छह लाख गरीब राशन कार्ड धारक परिवार है। कुल एपीएल परिवारों से तीन लाख राशनकार्ड सीधे कम हो जाएंगे। इसमें से डेढ़ लाख कर दाता और डेढ़ लाख वह राशनकार्ड उपभोक्ता जो गरीबी रेखा में आएंगे। इन लोगों को अब आटा तीन रुपये 30 पैसे प्रति किलो और चावल दो रुपये प्रति किलो मिलेगा। सरकार के इस फैसले से एपीएल उपभोक्ताओं की संख्या अब साढे़ 12 से साढ़े 9 लाख रह जाएगी। गरीबों परिवार की संख्या पौने 6 से 7 लाख 25 हजार से आसपास हो जाएगी।

लॉकडाउन-4 में सरकार ने प्रदेश में बसें चलाने की तैयारी कर ली है, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार है। हालांकि सरकार पचास फीसदी सरकारी और 50  फीसदी निजी बसें चलाने पर विचार कर रही है। इस बारे में राज्य कैबिनेट बैठक में भी चर्चा हुई है। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इसकी जानकारी दी।

मंत्रिमंडल ने जिला मंडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टीहरा को 50 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की मंजूरी दी। कैबिनेट ने कुल्लू जिले के भेखली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को भी स्वीकृति दी। वहीं, कैबिनेट ने हर विधानसभा क्षेत्र में अटल आदर्श विद्यालय खोलने को मंजूरी दे दी। यह स्कूल नवोदय और केंद्रीय विद्यालय वाले क्षेत्रों में भी खुलेंगे। पहले नवोदय और केंद्रीय विद्यालय जिन विधानसभा क्षेत्रों में थे, उनके लिए अटल आदर्श आवासीय विद्यालय मंजूर नहीं होते थे। कैबिनेट ने बीते साल घोषित 15 अटल आदर्श विद्यालय खोलने की मंजूरी भी दे दी है।

 

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