पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में वैश्विक आतंकी और अल कायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) को शहीद करार दिया. खान पाकिस्तान की संसद में अमेरिका (America) को लेकर बयान दे रहे थे. इन दौरान उन्होंने कहा, “अमेरिका ने पाकिस्तान के अंदर आकर ओसामा बिन लादेन को शहीद कर दिया.” इमरान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंक की लड़ाई में 10 साल से भी ज्यादा समय तक तिरस्कार झेला है.

Pakistan will never ever start war with India: Imran Khan - The Hindu

इमरान के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो गया है. इस वीडियो में इमरान खान कह रहे हैं, “हमने आतंक के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ दिया. इसके बाद भी हमारे मुल्क को जिल्लत उठानी पड़ी.” इमरान ने कहा, “मैं नहीं समझता कि कोई भी देश जो आतंक के खिलाफ लड़ाई में साथ दे रहा हो उसे इस हद तक जिल्लत उठानी पड़े वह भी हमें बुरा भला कहें.” अमेरिका के संदर्भ में इमरान ने कहा कि वह अफगानिस्तान में कामयाब न हों तो भी पाकिस्तान जिम्मेदार है.

इमरान ने आगे कहा, “हम पाकिस्तानियों के लिए दो बेहद शर्मिंदगी वाली घटनाएं हुईं. एक तो अमेरिका ने आकर एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार दिया, शहीद कर दिया. उसके बाद सारी दुनिया ने हमें गालियां दीं, हमें बुरा भला कहा. हमारा ही सहयोगी हमारे ही मुल्क में किसी को आकर मार रहा है और हमें ही नहीं बता रहा.” इमरान ने कहा, “उनकी जंग के लिए 70 हजार लोग मर चुके हैं. जो भी पाकिस्तानी यहां से बाहर थे उन्हें इस कदर जिल्लत उठानी पड़ी. पाकिस्तान में ड्रोन हमले हो रहे हैं. ये सब पाकिस्तान की पूर्व सरकार की इजाजत से हो रहा था.”

 

कल ही एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया है पाक को

बता दें आतंक को पनाह देने के पाकिस्तान देने के इसी रवैये के चलते बुधवार को उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने ग्रे सूची में डाल दिया है. वहीं अमेरिका की एक रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों के लिए पनाह बना हुआ है. अमेरिका ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान ने 2019 में आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने और उस साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद बड़े पैमाने पर हमलों को रोकने के लिए भारत केंद्रित आतंकवादी समूहों के खिलाफ “मामूली कदम” उठाए लेकिन वह अब भी क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के लिए “सुरक्षित पनाहगाह” बना हुआ है.

‘आतंक पर पाकिस्तान ने उठाए मामूली कदम’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता पर जनवरी 2018 में लगाई गई रोक 2019 में भी प्रभावी रही. उसने कहा, “पाकिस्तान ने आतंकववाद के वित्त पोषण को रोकने और जैश ए मोहम्मद द्वारा पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले पर किये गए आतंकी हमले के बाद बड़े पैमाने पर हमले से भारत केंद्रित आतंकी संगठनों को रोकने के लिए 2019 में मामूली कदम उठाए.”

रिपोर्ट में कहा गया कि वह अफगान तालिबान और संबद्ध हक्कानी नेटवर्क को अपनी जमीन से संचालन की इजाजत देता है जो अफगानिस्तान को निशाना बनाते हैं, इसी तरह वो भारत को निशाना बनाने वाले लश्कर-ए-तैयबा और उससे संबद्ध अग्रिम संगठनों और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देता है.

 

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