दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अभी दो दिन दमघोंटू हवा से राहत के आसार नहीं

दिल्ली-एनसीआर को अगले दो दिन दमघोंटू हवा से राहत मिलने के आसार नहीं है। शनिवार को लगातार तीसरे दिन दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में बनी रही। दिल्ली के 36 में से 34 निगरानी केंद्रों की वायु गुणवत्ता 400 अंक के ऊपर रही। सिर्फ लोधी रोड और इहबास में ही मामूली राहत रही। लोधी रोड का सूचकांक 356 और इहबास का सूचकांक 390 के अंक पर रहा।

सफर के अनुसार सतह पर बहने वाली हवा की रफ्तार खास तौर पर शाम और रात के समय शांत पड़ रही है। इसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराव नहीं हो पा रहा है। वातावरण में प्रदूषक कणों की भारी मौजूदगी बनी हुई है। अगले दो दिन तक भी हवा की रफ्तार धीमी रहने की संभावना है। इसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर या बेहद खराब श्रेणी के उच्च स्तर पर बना रहेगा।

दिल्ली के लोग प्रदूषण के सबसे खराब दौर का सामना कर रहे हैं। प्रदूषक कणों की भारी मात्रा की वजह से बीते तीन दिनों से हवा में भारी घुटन है। इसके चलते आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी, गले और नाक में खराश जैसी दिक्कत हो रही है। दोपहिया वाहन चालकों और सड़क के किनारे रहने वालों के लिए यह मुसीबत और ज्यादा बढ़ जाती है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शनिवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 427 अंक पर रहा। इस हवा को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। शाम पांच बजे हवा में प्रदूषक कण पीएम-10 की मात्रा 494 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 की मात्रा 298 माइक्रोग्राम घन मीटर रही। हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। इस अनुसार दिल्ली की हवा में फिलहाल पांच गुने तक ज्यादा प्रदूषण का जहर मौजूद है।

पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से इजाफा

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पाकिस्तान के सीमावर्ती हिस्से में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। सफर के मुताबिक शनिवार के दिन दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 32 फीसदी के लगभग रही। शुक्रवार को यह हिस्सेदारी घटकर 21 फीसदी पर आ गई थी। लेकिन एक बार फिर इसमें तेजी से इजाफा हुआ है। शुक्रवार के दिन पराली जलाने की 4528 घटनाएं रिकार्ड की गई हैं।

मुंडका की हवा सबसे खराब

दिल्ली के मुंडका इलाके की हवा शनिवार के दिन सबसे खराब रही। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 476 के अंक पर रहा। इसके अलावा भी जहांगीरपुरी, बवाना, पंजाबीबाग जैसे तमाम इलाके के लोगों को भारी प्रदूषण वाली हवा में सांस लेना पड़ रहा है।

तारीख और एक्यूआई

07 नवंबर को 427

06 नवंबर को 406

05 नवंबर को 450

प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी और पराली जलाने की घटनाएं

04 नवंबर को 05 फीसदी

05 नवंबर को 42 फीसदी

06 नवंबर को 21 फीसदी

07 नवंबर को 32 फीसदी

पराली जलाने की घटनाए

03 नवंबर को 1949

04 नवंबर को 4135

05 नवंबर को 3225

06 नवंबर को 4528

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