Sunday, April 14, 2024
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अयोध्या में बनने वाली मस्जिद की सामने आई तस्वीर – प्रेस रिव्यू – BBC News हिंदी

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अयोध्या में बनने वाली मस्जिद की सामने आई तस्वीर – प्रेस रिव्यू – BBC News हिंदी

अयोध्या की मस्जिद

उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ़ बोर्ड ने अयोध्या में बनने वाले मस्जिद का प्रारूप सार्वजनिक कर दिया है.

हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक ख़बर के अनुसार शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आर्किटेक्ट एसएम अख़्तर ने मस्जिद और अस्पताल का डिज़ाइन सार्वजनिक किया.

ये मस्जिद अंडाकार होगी और दो मंजिल की इस मस्जिद के डिज़ाइन में कोई गुबंद या मीनार नहीं होगी. इसमें एक साथ 2000 नमाज़ी नमाज़ पढ़ सकेंगे. यहां महिला नमाज़ियों के लिए भी अलग जगह बनाई जाएगी.

अख़बार के अनुसार मस्जिद के परिसर में ही एक अस्पताल का भी निर्माण किया जाएगा. मस्जिद के पास एक सामुदायिक किचन और इंडो-इस्लामिक कल्चर रीसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा.

वक्फ़ बोर्ड के हवाले से अख़बार ने कहा है कि इस्लाम में भूमिपूजन नहीं किया जाता इसलिए मस्जिद के लिए भी ऐसे किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा. हालांकि, मस्जिद की नींव 26 जनवरी 2021 या फिर 15 अगस्त 2021 में रखी जाएगी.

रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ़ बोर्ड ने इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन नाम का ट्रस्ट बनाया जिसकी ज़िम्मेदारी अयोध्या के पास मस्जिद बनाना है.

सोनिया ने की नाराज़ वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात

कांग्रेस पार्टी की अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को नाराज़ बताए जा रहे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात की है.

अख़बार जनसत्ता के अनुसार कांग्रेस मे संगठनात्मक और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराए जाने हैं और इसी के चलते सोनिया गांधी ने नाराज़ नेताओं से मुलाक़ात कर उनकी नाराज़गी दूर करने की कोशिश की है.

अख़बार कहता है कि कांग्रेस की कमान राहुल गांधी को सौंपने का रास्ता इस बैठक से साफ हो गया है.

बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से पार्टी की कमान संभालने को कहा जिससे राहुल ने इनकार किया. उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो ज़िम्मेदारी देगी वो उसे निभाएंगे और अध्यक्ष चुनने का फ़ैसला चुनाव में किया जाना चाहिए.

कांग्रेस नेताओं के हवाले से अख़बार लिखता है कि बैठक में मौजूद नेता इस बात पर एकमत थे कि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष चुना जाना चाहिए. इनमें वो वरिष्ठ नेता भी शामिल थे जिन्होंने पहले पार्टी में बदलाव की मांग करते हुए पत्र लिखा था.

बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि सभी नेताओं को साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है. आने वाले समय में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा.

चुनाव आने तक अकेली रह जाएंगी ममता बनर्जी- गृह मंत्री

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस से कई और नेता बीजेपी में शामिल होंगे.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के अनुसार अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जब तक पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का वक़्त आएगा तब तक मुख्यमंत्री अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी.

तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता शुभेन्दू अधिकारी समेत नौ विधायकों ने शनिवार को मिदनापुर में हुई अमित शाह की रैली में बीजेपी का दामन थाम लिया था. इन नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद शाह ने रैली में कहा, “जब तक चुनाव होंगे ममता बनर्जी अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी.”

अख़बार के अनुसार उन्होंने कहा, “मैं आपको स्पष्ट कहना चाहता हूं कि राज्य में बीजेपी 200 से ज़्यादा सीटें जीतेगी और अगली सरकार बनाएगी. राजनीतिक हिंसा और डराने-धमकाने से तृणमूल कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा.”

उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर हमला होने और कई पार्टी कार्यकर्ताओं की मौत का ज़िक्र करते हुए कहा, “आप जितनी हिंसा करेंगे बीजेपी उतनी मज़बूत पार्टी बन कर उभरेगी”

294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में अगले साल चुनाव होने हैं.

प्रधानमंत्री के नाम किसानों का ख़त

शनिवार को किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम खुला ख़त लिखा है और कहा है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन ने विपक्षी पार्टियों को अपना पक्ष बदलने पर मजबूर कर दिया है न कि विपक्षी पार्टियों के कारण किसान आंदोलन तेज़ हुआ है.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक ख़बर के अनुसार किसान संगठनों का कहना है कि सरकार आंदोलन के बारे में दुष्प्रचार कर रही है.

रविवार को किसान संगठन विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए किसानों की याद में ‘श्रद्धांजलि दिवस’ मनाने वाले हैं. किसान संगठनों की योजना है कि इस दिन वो कम से कम एक लाख गांवों में लोगों तक पहुंचेंगे.

किसान संगठनों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद गतिरोध पैदा हो जाने पर अब सरकार अनौपचारिक तौर पर किसानों के कई संगठनों से बातचीत कर रही है.

अख़बार के अनुसार इस बीच हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान पंजाब से आए किसानों का साथ देने के लिए दिल्ली से सटी सीमा पर पहुंच रहे हैं. किसान संगठनों का कहना है कि सरकार के कृषि क़ानूनों से बड़ी कंपनियों को फायदा होगा न कि किसानों को.

दो दिन पहले कृषि मंत्री ने किसानों को खुला खत लिखा था, किसान संगठनों ने इसका बिंदुवार उत्तर दिया और कहा उनकी मांग है कि कृषि क़ानूनों को रद्द किया जाए.

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