कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार ये सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रहा है. इसलिए इसे जी-20 वर्चुअल समिट नाम दिया गया है. इस बार सऊदी अरब जी-20 सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. बुधवार को ही पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि कोविड-19 महामारी का सामना करने में जी-20 एक अहम रोल अदा करने वाला है.
The #G20 has an important global role to play in addressing the COVID-19 pandemic. I look forward to productive discussions tomorrow at the #G20VirtualSummit, being coordinated by the Saudi G20 Presidency. @g20org @KingSalman
— Narendra Modi (@narendramodi) March 25, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरुवार को कोरोना वायरस पर आयोजित हो रहे जी-20 के सम्मेलन में शिरकत करेंगे. कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार ये सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रहा है. इसलिए इसे जी-20 वर्चुअल समिट नाम दिया गया है.
इस बार सऊदी अरब जी-20 सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. बुधवार को ही पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि कोविड-19 महामारी का सामना करने में जी-20 एक अहम रोल अदा करने वाला है. ऐसे में माना जा रहा है कि आज शाम होने वाली इस बैठक में कोरोना वायरस की रोकथाम और इसका असर कम करने के उपाय पर पर पर प्रभावी चर्चा होगी.
#G20 | @KingSalman to chair the Extraordinary Virtual Leaders’ Summit next Thursday, March 26th. pic.twitter.com/vDNjvdr0qK
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) March 24, 2020
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, जी-20 बैठक के दौरान कोरोना वायरस के इलाज को लेकर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है. इस दौरान सदस्य देश एक पैकेज की भी घोषणा कर सकते हैं गौरतलब है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में 19 आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण देश और यूरोपियन यूनियन शिरकत शामिल होते हैं.
उम्मीद की जा रही है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने जा रहे इस सम्मेलन में कोरोना से लड़ने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक ये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग गुरुवार शाम को 5.30 बजे से लकर शाम 7 बजे तक हो सकती है.
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना ने दुनिया के 190 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले चुका है. इसकी वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के मंदी की चपेट में चले जाने की आशंका गहरा गई है.
कोरोना की चपेट में आकर दुनिया में कुल 21,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. किसी बीमारी के कारण दुनिया ने पहले कभी ऐसी तबाही नहीं देखी थी. दुनिया के 50 से ज्यादा देशों के 170 करोड़ लोग कोरोना के कारण घरों में कैद रहने को मजबूर हैं