RBI ने लॉकडाउन के बीच हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.4 प्रतिशत करने की घोषणा की है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोरोनावायरस के खतरे और उसके आर्थिक प्रभावों से निपटने के लिए शुक्रवार को रेपो दर और नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में कटौती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरबीआई के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा- “आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस के प्रभाव से बचाने के लिए आज बड़े कदम उठाए हैं. इन घोषणाओं से नकदी की स्थिति में सुधार होगा, पूंजी की लागत कम होगी तथा मध्यम वर्ग एवं कारोबारी इकाइयों को मदद मिलेगी.”
Today @RBI has taken giant steps to safeguard our economy from the impact of the Coronavirus. The announcements will improve liquidity, reduce cost of funds, help middle class and businesses. https://t.co/pgYOUBQtNl
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
माना जा रहा है कि नीतिगत ब्याज दर या रेपो रेट कम होने से बैंक होम लोन समेत अन्य कर्ज को सस्ता कर सकते हैं. सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक पहले भी रेपो दर में कटौती कर चुका है और बैंकों को इसका फायदा ग्राहकों को पहुंचाने की बात भी कह चुका है. इसके बाद बैंकों ने सीमांत कोष की लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) में कटौती की थी.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बताया कि आरबीआई ने रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत यानी 75 आधार अंक की कटौती की है. लॉकडाउन के बीच हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत से घटाकर 4.4 प्रतिशत करने की घोषणा की गई है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो दर में कमी से कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने में मदद मिलेगी. वहीं, रिवर्स रेपो रेट में 90 आधार अंक यानी 0.90 प्रतिशत की कटौती की गई है.
दास ने बताया कि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 1 प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया गया है. सीआरआर 3 प्रतिशत पर आ गया है. इस कदम से वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त पूंजी सुनिश्चित होगी. कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए सभी वाणिज्यिक बैंकों और ऋण देने वाले संस्थानों को सभी प्रकार के कर्ज की किस्तों की वसूली पर तीन महीने तक रोक की छूट दी गई है.