नगर निकायों में कई पद खत्म करने की तैयारी, मांगे गए कर्मचारियों के डिटेल्स

नगर निकायों में न्यूनतम पद रखने के लिए मानक तैयार करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके तहत सभी नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों से केन्द्रीयत, अकेन्द्रीयत संविदा, आउटसोर्सिंग व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के भरे पदों का विवरण मांगा गया है। जिसपर मानक समिति विचार करने के बाद अपनी संस्तुति सरकार को सौपेगी।

दरअसल नगर निकायों में बहुत से ऐसे पद हैं जिनकी जरूरत अब समाप्त हो चुकी है। चूंकि इन पदों को 1970 के दशक में सृजित किया गया था और इन पदों पर तैनात अधिकांश कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लिहाजा नगर निकायों में भिश्ती समेत बहुत से ऐसे पद आज भी विद्यमान है, जिनपर एक भी कर्मचारी तैनात नहीं है। वहीं दूसरी ओर पिछले कई सालों से स्थाई भर्ती न किए जाने की वजह से नगर निकायों के स्तर पर विभिन्न संवर्ग के पदों पर संविदा, आउटसोर्सिंग व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति करके काम चलाया जा रहा है। वर्षो से संविदा, आउटसोर्सिंग और दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले इन कर्मचारियों को अब तक नियमिति नहीं किया जा रहा है, जिसके खिलाफ कर्मचारी संगठन लगातार सरकार पर दबाव भी बना रहे हैं। इसके मद्दनेजर सरकार ने तय किया है कि सबसे नगर निकायों में अनावश्यक पदों को समाप्त कर नये सिरे पदों को सृजित करने के बाद ही संविदा, आउटसोर्सिंग और दैनिक वेतन भोगी को नियमित करने पर विचार किया जाए।

इसके लिए सरकार ने प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अतुल गुप्ता की अध्यक्षता में एक मानक समिति का गठन किया है। इस समिति को नगर निकायों में गैरजरूरी पदों को समाप्त करते हुए जरूरत के मुताबिक ही पद सृजित करने केसंबंध में सुझाव देना है। कोशिश यह करनी है कि पदों की संख्या न्यूनतम रहे। इसी कड़ी में निदेशक स्थानीय निकाय डॉ. कॉजल ने सभी नगर निकायों से संवर्गवार स्वीकृत पदों का ब्योरा मांगा है।

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