जालंधर. पंजाब में रविवार को कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने क लिए लॉकडाउन का पांचवां दिन है। हालांकि, कोरोना से लड़ने के लिए राज्य सरकार ने पहले से ही कर्फ्यू लगा दिया था। संक्रमण के बढ़ते केस के चलते लोग अब डरे हुए हैं। ज्यादातर शहरों की मुख्य सड़कों और चौक-चौराहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। हालांकि अंदरूनी इलाकों में फल-सब्जी व दूसरी चीजें सप्लाई करने वालों को कर्फ्यू पास के साथ घूमते व इक्का-दुक्का लोगों की ये खरीदते देखा जा सकता है। आज सुबह कई जगह सब्जी मंडी खुली और थोक बिक्री के बाद बंद करवा दी गई।
हालांकि, राज्य में दो दिन से संक्रमण का कोई नया पॉजिटिव केस नहीं आया है। राज्य में अब तक कुल 39 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से होशियारपुर का सबसे पहला मरीज ठीक होकर घर पहुंच चुका है।
लुधियाना में काम बंद होने के चलते पैदल ही निकल पड़े मजदूर
लुधियाना में फैक्ट्रियों में काम-धंधा बंद होने और कर्फ्यू में दिहाड़ी बंद होने से यूपी-बिहार के लाखों कामगार अपने घरों को लौटने लगे हैं। शनिवार को पलायन का दौर शुरू हो गया। रात में ही नहीं, रविवार सुबह भी 50-100 के जत्थे में कामगार महानगर के विभिन्न हिस्सों से पैदल ही निकलते देखे गए। इनमें महिलाएं और बच्चे भी हैं। इनके सामने कमरे का किराया, राशन और बीमारी की स्थिति में इलाज को लेकर सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। सरकार कह रही है कि शहर में लंगर व खाने-पीने की चीजों बांटी जा रही हैं, लेकिन किसे मिले रहा, किसे नहीं, इसका कोई सिस्टम नहीं।
जालंधर में प्रशासन की होम डिलीवरी की सुविधा प्रभावी न होने के कारण जरूरी चीजें आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। गली-मोहल्लों के दुकानदार भी मौके का फायदा उठाकर मनमानी कीमत पर सामान बेच रहे हैं। प्रशासन इन पर लगाम कसने में नाकाम दिख रहा है। रविवार सुबह मंडी में सब्जियां पहुंचीं। यहां केवल थोक में बिक्री की अनुमति दी गई। हालांकि, भीड़ बढ़ने के बाद प्रशासन ने बंद करवा दी।
लुधियाना में पुलिस व प्रशासन ने आढ़तियों को दुकानें खोलने के लिए राहत दे दी है। अब आढ़ती अपने दुकानें दोपहर दो बजे तक खोल सकेंगे। शनिवार तक महानगर में हालात ठीक नहीं थे, जिसके चलते पुलिस, मंडी बोर्ड के अधिकारी व विभिन्न पार्टियों के बीच मीटिंग काफी नोक-झोंक भी देखने को मिली।
अमृतसर में कर्फ्यू के दौरान घरों में रहकर सहयोग करने वाले लोगों के लिए राशन सामग्री रवाना करते सीकेडी के सदस्य।
अमृतसर में भी लोगों को घरों में ही रहने का आह्वान करते हुए उसका पालन करवाने के लिए विभिन्न जरूरी चीजें पहुंचाई जा रही हैं। चीफ खालसा दीवान, श्री दुर्ग्याणा कमेटी और अन्य संस्थाएं इस काम में प्रशासन का सहयोग कर रही हैं। इसी तरह दोआबा और मालवा के विभिन्न शहरों में लोग घरों में ही हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। दोआबा में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। नवांशहर, जालंधर औऱ होशियारपुर के 22 गांव सील कर दिए गए हैं। इन तीनों जिलों से 29 लोग पॉजिटिव मिले हैं। कोरोना से पहली मौत भी नवांशहर के पठलावा गांव में हुई थी।
अब लॉकडाउन, कर्फ्यू के चलते पंजाब के जो हालात हैं, उनसे भी कहीं ऊपर नवांशहर जिले के 15 गांव कोरोना के कहर के चलते बाकी दुनिया से कट गए हैं। सड़कें सुनसान हैं और हर तरफ सेहत विभाग के कर्मचारी मास्क व गाउन पहने हुए नजर आते हैं। स्क्रीनिंग के बिना किसी को किसी से मिलने की इजाजत नहीं है।