कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के संकट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राहुल ने इस दौरान मांग करते हुए कहा कि भारत सरकार को लोगों को आर्थिक मदद पहुंचानी चाहिए, हर गरीब-मजदूर के खाते में पैसा डालने की जरूरत है. लेकिन सरकार ऐसा करने से डर रही है, राहुल बोले कि ये वक्त रिस्क लेने का है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार सोच रही है कि अगर तेजी से पैसा खर्च करना शुरू कर देंगे, तो रुपये की हालत खराब हो जाएगी. लेकिन सरकार को इस वक्त रिस्क लेना होगा, क्योंकि जमीनी स्तर पर पैसा पहुंचाना जरूरी है. सरकार जितना सोच रही है, उतना हमारा समय बर्बाद हो रहा है.

कोरोना संकट को लेकर बनाए गए पीएम केअर्स फंड के लिए राहुल गांधी ने कहा कि इसका ऑडिट होना जरूरी है, जनता को पता होना चाहिए कि कितना खर्च हुआ है और फंड में कितना पैसा आना चाहिए. इसी के साथ राहुल गांधी ने आरोग्य सेतु ऐप का सोर्स खुले में रखने की बात कही.

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस वक्त सरकार लोगों का डर नहीं दूर कर पा रही है. आखिर लॉकडाउन कबतक रहेगा, सरकार को लोगों को साफ बताना होगा. कोरोना संकट सिर्फ एक फीसदी के लिए खतरनाक है, लेकिन 99 फीसदी के लिए ये डर बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोगों से बात कर उनका डर दूर करना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत में जून और जुलाई के बाद भी कोरोना की रफ्तार बढ़ सकती है, लेकिन इसके लिए सरकार को तैयार रहना होगा. कांग्रेस नेता ने एक बार फिर लोगों के खाते में सीधा पैसा पहुंचाने की मांग की और न्याय योजना लागू करने को कहा.

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