राजीव शर्मा ने जासूसी से डेढ़ साल में कमाए 40 लाख रुपये, हर सूचना के बदले मिलते थे 1000 डॉलर

चीनी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा ने रक्षा संबंधी अहम गोपनीय सूचनाएं चीनियों को देकर गत डेढ़ साल में 40 लाख रुपये कमाए थे। राजीव शर्मा को प्रत्येक सूचना के बदले 1000 डॉलर मिलते थे।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह चौंकाने वाला खुलासा किया है। डीसीपी ने बताया कि राजीव शर्मा चीनी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में रक्षा मामलों पर लेख लिखते थे और वर्ष 2016 में चीनी एजेंट के संपर्क में आए थे। वह कुछ चीनी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में भी थे।

डीसीपी ने बताया कि पत्रकार राजीव शर्मा 2016 से 2018 तक चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील रक्षा और रणनीतिक जानकारी देने में शामिल थे। इसके लिए वह विभिन्न देशों में कई स्थानों पर चीनी खुफिया अधिकारियों से भी मिलते थे। इन मीटिंग्स में भारत-चीन सीमा मुद्दे पर, सीमा पर सेना की तैनाती और सरकार द्वारा तैयार रणनीति आदि की जानकारी साझा की जाती थी।

स्पेशल सेल ने फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को केंद्रीय खुफिया एजेंसी की सूचना के आधार पर 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज मिले हैं।

पुलिस ने पत्रकार से पूछताछ के बाद एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है। इन पर शेल कंपनियों के माध्यम से पत्रकार राजीव शर्मा को बड़ी मात्रा में रुपये देने का आरोप है।

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