राम मंदिर निर्माण : पितृ पक्ष के बाद शुरू होगा नींव का काम, 1200 स्थानों पर कुंए की तरह पाइलिंग कर बनेगी चट्टान

पितृ पक्ष के बाद ही अब अयोध्या में राम मंदिर के आधार का निर्माण शुरु होगा। रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए नींव डालने से पहले मानचित्र में दर्शाए गये आच्छादित क्षेत्रफल जो कि करीब 13 हजार वर्ग मी.है, के सौ फिट नीचे तक 12 सौ स्थानों पर कुंए की तरह पाइलिंग कर चट्टान की आधार शिला तैयार की जाएगी।

पुन: इसके ऊपर निर्धारित ड्राइंग के अनुसार नींव खड़ी जाएगी। फिर मूल मंदिर के धरातल का निर्माण किया जाएगा। इस कार्य को शुरु करने के लिए कार्यदाई संस्था एलएण्डटी ने विशेष प्रकार के मशीनों को पहले ही मुम्बई से मंगा लिया है। कुछ अभी हैदराबाद, आंध्र प्रदेश से आनी है। फिलहाल कार्य आरम्भ करने के लिए पितृ पक्ष के खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है।

चातुर्मास खत्म कर अयोध्या पहुंचे शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती चातुर्मास की समाप्ति के उपरांत शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन- पूजन किया। इससे पहले उन्होंने कारसेवकपुरम में जाकर ट्रस्ट महासचिव चंपत राय से शिष्टाचार भेंट की।

इस मौके पर उनके साथ आए कई शिष्यों ने राम मंदिर निर्माण के लिए अलग-अलग चेक के माध्यम से अपनी सहयोग राशि भेंट की। कुल राशि की जानकारी नहीं दी गयी। बताया गया कि चातुर्मास के संकल्प के कारण शंकराचार्य पांच अगस्त को भूमि पूजन में शामिल नहीं हो सके थे। इसके कारण वह अनुष्ठान पूर्ण करने के बाद यहां आए। उन्होंने राम मंदिर का मानचित्र स्वीकृत हो जाने पर बधाई देते हुए कहा कि रामलला का कार्य एक-एक कदम आगे बढ़ रहा है और वह समय भी आएगा जब रामभक्तों का सपना साकार हो जाएगा।

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