कैंपेन में आरोप लगाया गया है कि पॉर्नहब नाम की साइट आपत्तिजनक वीडियो को अपनी वेबसाइट से हटाने में सफल नहीं रही है. बीते कई साल में कंपनी पर पहले भी रेप और यौन शोषण के वीडियो पब्लिश करने के आरोप लगे हैं.

Rape video proceeds, campaigning to close largest porn site

रेप और यौन शोषण से जुड़े वीडियो से कमाई करने के आरोपों की वजह से दुनिया की सबसे बड़ी पॉर्न साइट को बंद करने की मांग की जा रही है. इस मांग के लिए एक ऑनलाइन कैंपेन शुरू की गई है जिस पर अब तक तीन लाख 80 हजार से अधिक लोग साइन कर चुके हैं. (change.org पर चलाए जा रहे कैंपेन की तस्वीर)

आधिकारिक तौर पर पॉर्नहब यूरोप के लग्जमबर्ग में स्थित कंपनी है, लेकिन इसके दफ्तर मॉन्ट्रियल, लंदन और लॉस एंजिलस में भी है. कंपनी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उसके पास गैर कानूनी कंटेट को हटाने के सिस्टम मौजूद हैं. कंपनी ने कहा है कि वह नाबालिग लोगों के वीडियो और अन्य गैर कानूनी कंटेट को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है.
change.org नाम की वेबसाइट पर पॉर्न हब के खिलाफ कैंपेन का टाइटल रखा गया है- ‘पॉर्न हब को बंद करो और ट्रैफिकिंग में सहयोग करने के लिए इसके एग्जीक्यूटिव की जिम्मेदारी सुनिश्चित करो.’

theguardian.com की रिपोर्ट के मुताबिक, पॉर्नहब के खिलाफ मुहिम को Exodus Cry नाम के अमेरिकी समूह ने शुरू किया है, साथ ही ब्रिटेन के एक्टिविस्ट भी इसका समर्थन कर रहे हैं. पॉर्न हब चलाने वाली कंपनी का दफ्तर ब्रिटेन में भी है. Exodus Cry की फाउंडर लैला मिकेलवेट ने कहा कि यह कंपनी करोड़ों रुपये कमाती है, लेकिन प्रभावी सिस्टम तैयार करने में नाकाम रही है जिससे कि वीडियो में शामिल व्यक्ति और यूजर की उम्र कंफर्म की जा सके.

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