जिसका हर माता पिता से लेकर बच्चे को इंतज़ार था आख़िरकार वो घडी आ ही गयी जब उत्तर प्रदेश के साथ साथ सम्पूर्ण देश में शिक्षा का सर्वोच्च कोटि का मंदिर कहे जाने वाले जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के द्वार शासन के आदेशानुसार सात महीने बाद फिर से विद्यार्थियों के लिए खोले गए। कोविड-19 जैसी महामारी के चलते मार्च 2020 से ज़िले के कई कॉलेजेस एवं विश्विद्यालय की तरह जीएलए विश्वविद्यालय के कैंपस में भी कक्षाएँ नहीं चल रही थी | सात महीने बाद जब बच्चों ने अपने जीएलए कैंपस में कदम रखा तो उनके चेहरे पे एक अलग ही ख़ुशी से भरी चमक थी, जो इस बात की गवाह थी की इन बीते सात महीनों में उन्होनें अपने कॉलेज को कितना मिस किया है।पहले दिन कॉलेज में आये छात्रों की संख्या भले ही कम रही हो पर उनके हौसलों और पढ़ने की ललक में कोई कमी नहीं दिखी।
इन बातों का रखा गया पूरा ख्याल
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जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं बात को ध्यान में रख कर पहले दिन करीब 30 फीसदी छात्रों को ही बुलाया गया ,साथ ही कक्षा में छात्रों को सोशल डिस्टेंस के साथ बैठाया गया।
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सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए सेनिटाइज़ेशन और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश दिया गया।
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जीएलए कैंपस के अंदर कोरोना से जुड़ी जानकारी देने के साथ साथ सबके लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया था।
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बीटेक, बीबीए, बीसीए, बीए, बीएससी, बीकाॅम एवं अन्य स्नातक के प्रथम वर्ष तथा एमसीए, एमबीए, एमटेक एवं अन्य स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की कक्षाएं रोस्टर के हिसाब से संचालित कराईं।
ज्ञान और जान दोनों पर ध्यान
जीएलए,मथुरा के कुलाधिपति श्री नारायण दास अग्रवाल कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने कहा की कोरोना काल में हर किसी को जिस बात पर पूरी तरह से अमल करना चाहिए वो है “जितना जरुरी है ज्ञान उतनी ही जरुरी है जान”|
इसलिए जीएलए की कक्षाओं के साथ हाॅस्टलों में सोशल डिस्टेंसिंग,थर्मल स्क्रीनिंग एवं सेनिटाइज़ेशन का कार्य नियमित प्रगति पर है।शासन और यूजीसी के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का नियमित पालन किया जा रहा है और आगे भी किया जायेगा एवं छात्रों की सुचारू रूप से कक्षाएं संचालित की जाएँगी। इसके साथ जीएलए विश्वविद्यालय, ऑनलाइन कक्षाएं भी नियमित रूप से जारी रखेगा।संस्थान द्वारा आयोजित किए जाने वाले सभी प्रकार के कार्यक्रम कार्यशाला, सेमिनार, गेस्ट लेक्चर, रिसर्च गतिविधि जैसी विभिन्न सुविधाओं में छात्रों को प्रतिभाग करने का अवसर ऑनलाइन मिलेगा।
जीएलए विश्वविद्यालय के खुलने के बाद देखिये कैसे सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है