मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान आज शाम 7 बजे शपथ लेने जा रहे हैं. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 22 विधायकों के साथ छोड़ने से कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाते ही कमलनाथ की 15 महीने सरकार गिर गई और उनको इस्तीफा देना पड़ा. वहीं अब भी कई और ऐसे विधायक हैं जो बाउंड्री लाइन पर खड़े हैं और पाला बदलने का मन बना रहे हैं. इनमें अधिकांश वे विधायक हैं जिनकी निष्ठा कांग्रेस में कम ही रही है. बीजेपी की कांग्रेस विधायकों के साथ निर्दलीय, सपा और बसपा के विधायकों पर भी नजर है. यह सभी बीजेपी के कई नेताओं के संपर्क में भी हैं.
Shivraj Singh Chouhan MP CM Live | Shivraj Singh Chouhan Likely To Take Oath as Madhya Pradesh (MP) Chief Minister Latest News Today Updates | मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिए शिवराज सिंह का नाम तय, आज शाम 7 बजे शपथ लेने की… https://t.co/v9UGhVldTX pic.twitter.com/WMBa1h6ImY
— akash (@akashvarma932) March 23, 2020
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के लगभग डेढ़ साल तक सत्ता में रहने पर हली बार चुनाव जीतकर आए विधायकों को सत्ता का मजा मिला और अब वे सत्ता से किसी भी स्थिति में दूर नहीं होना चाहते. सत्ता छिन जाने को लेकर उनमें बेचैनी है. यही कारण है कि अब उन्हें भाजपा की सरकार बनने पर अपने हित बीजेपी में पूरे होते नजर आ रहे हैं. इन विधायकों ने भाजपा से मेलजोल बढ़ाना शुरू कर दिया है और वे पाला बदलने तक की तैयारी में हैं.
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस, सपा, बसपा और निर्दलीय विधायक जिनकी संख्या 10 से अधिक है, वे भाजपा के संपर्क में है और आने वाले दिनों में दलबदल का फैसला कर सकते हैं. विधायकों के दल बदल की संभावनाओं को कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल के उस बयान से बल मिलता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिसकी सरकार होगी उसे उनका समर्थन रहेगा. इसके अलावा निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने अपने क्षेत्र के मतदाताओं से चर्चा करने की बात कही है.
कांग्रेस में पाला बदलने की चल रही कोशिशों का नजारा शनिवार की रात को शिवराज सिंह चौहान के आवास पर भी देखने को मिला, वहां छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित कांग्रेस विधायक प्रदुम सिंह लोधी नजर आए, इसे भावी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. लोधी मीडिया को देखकर भागे और उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उनके साथी विधायकों के फोन बंद थे इसलिए उनसे संपर्क के लिए निकले थे.