राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित शाहीन बाग, नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन का केंद्र बन गया था। इस कारण उस पूरे इलाके की दुकानें बंद थीं। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन जारी ही था कि कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी और देश में लॉकडाउन लगा दिया गया। इस कारण से प्रदर्शनकारियों को धरणास्थल से हटा दिया गया था। अभी देश में लॉकडाउन का चौथा चरण है। इसमें रुकी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ ढील दी गई हैं। इसका असर शाहीन बाग में भी देखने को मिल रहा है।

शाहीन बाग में पहले सीएए के खिलाफ प्रदर्शन और फिर लॉकडाउन के कारण लगभग पांच महीनों से बंद पड़ी दुकानें खुल चुकी हैं। आपको बता दें कि लॉकडाउन चार के दौरान नियम और शर्तों के साथ दुकानें खोलने की इजाजत दी गई हैं। दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा।

24 मार्च को पुलिस ने खाली करा दिया था धरना स्थाल
कोरोना वायरस महामारी की वजह से दिल्ली पुलिस ने 24 मार्च की सुबह शाहीन बाग में कड़ी सुरक्षा के बीच धरना स्थल को साफ करते हुए वहां से सभी टेंट हटा दिया था। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद राजधानी में पूरी तरह से लॉकडाउन के बीच जाफराबाद में एहतियातन भारी सुरक्षा तैनात किया गया था। पैरा मिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवान शाहीन बाग और जाफराबाद में चप्पे-चप्पे पर तैनात थे और लोगों पर नजर रखे हुए हथे।

शाहीन बाग के प्रदर्शन से जुड़े लोगों का कहना था कि हमने रात को ही कर्फ्यू की आशंका से प्रदर्शनस्थल खाली कर दिया था। सुबह 7:15 बजे के आसपास पुलिस ने आकर टेंट व अन्य चीजें हटा दीं।

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