बिहार के सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार दो राजग सांसदों की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। मधेपुरा के सांसद दिनेशचंद्र यादव चार बार तो खगड़िया के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर इस सीट से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि पिछले साल हुए विधानसभा उपचुनाव में राजद ने इस सीट पर कब्जा जमाया था। यादव मतदाता बहुल इस सीट पर इस बार गठबंधन व स्थानीय मुद्दे इस बार के चुनाव में अहम रहेंगे।
सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट पर अब तक हुए 15 चुनावों में आठ बार कांग्रेस ने परचम लहराया है। पहली बार 1967 में हुए चुनाव में चौधरी मो. सलाउद्दीन जीते थे। 1969 में हुए चुनाव में उन्हें एसएसपी के उम्मीदवार से शिकस्त मिली थी। उसके बाद वे लगातार चार बार विधायक बने। 1990 में मधेपुरा के सांसद दिनेशचंद्र यादव ने जनता दल उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। 1995 व 2000 में कांग्रेस उम्मीदवार व वर्तमान में लोजपा से खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर ने जीत दर्ज की थी। 2019 में दिनेशचंद्र यादव के मधेपुरा लोकसभा से चुने जाने के बाद हुए उपचुनाव में राजद के जफर आलम ने जीत हासिल की।
जातीय समीकरण पर भारी पड़ा है उम्मीदवार का व्यक्तित्व
सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में शुरुआत से ही जातीय समीकरण पर उम्मीदवार का व्यक्तित्व भारी पड़ा है। खगड़िया के वर्तमान सांसद कैसर के पिता मो. सलाउद्दीन पांच बार यहां से चुने गए। वहीं खगड़िया सांसद ने भी कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में तीन बार जीत हासिल की है। वहीं मधेपुरा के जदयू सांसद दिनेशचंद्र यादव भी तमाम जातीय समीकरणों को दरकिनार करते हुए चार बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
मां उग्रतारा स्थान और मटेश्वर धाम है प्रसिद्ध
सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां उग्रतारा स्थान, मटेश्वर धाम और कारु ख़िरहरी मंदिर यहां की पहचान है। महिषी गांव स्थित मां उग्रतारा के मंदिर में मत्था टेकने देश ही नहीं विदेश तक से श्रद्धालु पहुंचते हैं। वहीं सावन के महीने में जिले ही नहीं आसपास के क्षेत्रों के लाखों श्रद्धालु मुंगेर के छर्रापट्टी से जलभरकर सोमवार को बलवा हाट के मटेश्वर धाम में जलाभिषेक करते हैं। कारु खिरहरी मंदिर में दूध की नदी बहा पूजा अर्चना की जाती है।
कुल वोटर : 330161
पुरुष : 171197
महिला : 158957
1967 चौधरी मो. सलाउद्दीन
1969 रामचंद्र प्रसाद
1972 चौधरी मो. सलाउद्दीन
1977 चौधरी मो. सलाउद्दीन
1980 चौधरी मो. सलाउद्दीन
1985 चौधरी मो. सलाउद्दीन
1990 दिनेशचंद्र यादव
1995 चौधरी महबूब अली कैसर
2000 चौधरी महबूब अली कैसर
फरवरी 2005 दिनेशचंद्र यादव
अक्टूबर 2005 दिनेशचंद्र यादव
2009 चौधरी महबूब अली कैसर
2010 डा. अरुण कुमार
2015 दिनेशचंद्र यादव
2019 जफर आलम