हेमकुंड ट्रस्ट के प्रबंधक सेवा सिंह ने हाल ही में हेमकुंड साहिब का जायजा लिया। उनका कहना है कि धाम में अभी भी 12 फीट तक बर्फ जमी हुई है। आस्था पथ पर कई जगह करीब 20 फीट तक ऊंचे हिमखंड पसरे हैं।

बता दें कि हमेशा हेमकुंड साहिब के कपाट एक जून को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं। यहां देश विदेश से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन कई बार अधिक बर्फबारी के कारण परेशानी उठानी पड़ती है।

इस बार भी हेमकुंड में भारी बर्फबारी हुई। 25 अप्रैल से हेमकुंड आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम शुरू किया जाना भी प्रस्तावित था, लेकिन लॉकडाउन के कारण ये काम अभी तक नहीं हो पाया है।

इसके चलते एक जून को कपाट खोलने की तिथि स्थगित कर दी गई। कपाट खोलने की नई तिथि को तीन मई के बाद तय किया जाना था, लेकिन वहां अत्यधिक बर्फ होने के कारण अभी तक गुरुद्वारा प्रबंधन अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाया है।

हेमकुंड साहिब ट्रस्ट का कहना है कि बर्फ इतनी ज्यादा होने के कारण सेना के जवानों के साथ ही गुरुद्वारे के सेवादार भी बर्फ हटाने को गोविंदघाट नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में कपाट खोलने को लेकर व्यवस्था कैसे बनाई जाए अभी तक यह तय कर पाना संभव नहीं हुआ है।

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