21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है। ज्‍योतिषीय दृष्‍टि से इसका असर बहुत अच्‍छा नहीं मिलने जा रहा है। पहले से ही नाजुक दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था में और गिरावट आने के संकेत हैं। मृत्युदर और बढ़ोतरी हो सकती है। तूफान और भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं।
यह सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि में होगा। जिनका जन्म नक्षत्र मृगशिरा और जन्म राशि या जन्म लग्न मिथुन है। उनके लिए यह विशेष अरिष्ट फल प्रदान करने वाला होगा। सूर्य ग्रहण प्रात: 9:26 बजे से अपराह्न 3:28 तक रहेगा। भारत में यह ग्रहण प्रात:10 बजे से 14:30 बजे तक अर्थात साढ़े चार घंटे रहेगा। इस ग्रहण के दौरान सूर्य 94 फीसदी ग्रसित हो जाएगा। दिन में अन्धेरा जा जाएगा। कुछ जगह तारे भी दिखाई दे सकते हैं।
ग्रहण का सूतक:
सूर्य ग्रहण का सूतक 20 जून को रात्रि 10:20 से आरंभ हो जाएगा। सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए। इस अवधि में खाद्य पदार्थो में तुलसी दल या कुशा रखनी चाहिए।गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण काल में सोना और देर तक नहीं बैठना चाहिए। चाकू, छुरी से सब्जी,फल आदि काटना भी निषिद्ध माना गया है।
ग्रहण का फल:
मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों को शुभ है जबकि वृषभ, तुला, धनु, और कुंभ राशि वालों को मध्यम लाभ देगा। कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को अशुभ फल देगा। इसमें वृश्चिक राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा। कंकण आकृति ग्रहण होने के साथ ही यह ग्रहण रविवार को होने से चूड़ामणि योग भी बना रहा है। इसमें स्नान, दान, जप और हवन करना कोटि गुना महत्व देगा।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

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