चरखी दादरी। खाप पंचायत ने एक बार फिर से हैरान कर देने वाला फैसला थोप दिया है जिसकी सभी और निंदा हो रही है। दरअसल एक बेटे के अपराध की सजा चरखी दादरी के गांव मकड़ाना में उसके बूढ़े पिता को दे दी गई। न पुलिस, न कोर्ट-कचहरी, सिर्फ यहां दो खापों ने ही फरमान सुना दिया।
बता दें , तीन महीने से पत्नी को छोड़कर रिश्ते में साली लगने वाली युवती के साथ रह रहे युवक के पिता को फौगाट खाप व गुलिया खाप ने मिलकर सामाजिक दंड दिया है। दोनों ही खाप प्रतिनिधियों ने सर्व सम्मति से बुजुर्ग को एक महीने तक गांव के मंदिर में झाड़ू-पोछा लगाने और पक्षियों को दाना डालने का सामाजिक दंड दिया है। और यही नहीं युवक की पत्नी यानी पुत्रवधु को खर्च के रूप में ग्यारह लाख रुपए देने के आदेश भी दिए गए हैं। पंचायत के बाद लड़की के परिजन अपनी बेटी को साथ लेकर चले गए।
जिले में फौगाट खाप के गांव मकड़ाना का रहने वाले युवक की 6 साल पहले शादी हुई थी। लड़की गुलिया खाप के गांव की रहने वाली है। पिछले करीब तीन महीने से उक्त युवक अपनी पत्नी की मौसी की बेटी के साथ कहीं चला गया और तब से दोनों घर नहीं लौटे हैं। परिवार जनों का मानना है कि दोनों एक साथ रह रहे हैं।
इस मामले को लेकर सोमवार को फौगाट और गुलिया खाप के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पंचायत हुई। पंचायत में दोनों पक्षों को अपनी अपनी बात रखने का समय दिया गया और पूरी गहराई से सुना गया। इसके बाद खाप प्रतिनिधियों ने युवक के परिवार को सामाजिक दंड सुनाया। फौगाट खाप के प्रधान बलवंत सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज को शर्मसार करती हैं। जो समाज पर बुरा असर भी डालती हैं। ऐसे में फौगाट खाप और गुलिया खाप के प्रतिनिधियों ने मिलकर सर्व सम्मति से फैसला लिया है कि युवक के पिता को एक महीने तक गांव के मंदिर में जाकर सुबह शाम साफ सफाई और पक्षियों को दाना पानी डालना होगा। वहीं युवक की पत्नी के खर्च व पोषण के लिए भी ग्यारह लाख रुपए देने होंगे।
पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट के वकील शौकीन वर्मा ने बतया कि भारतीय कानून में पंचायत के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वो ऐसे फैसले दे सके। पंचायत का काम होता है कि गांव में कुछ गलत होता है तो पुलिस को सूचना दें। इस युवक की पत्नी हिंदू रीति रिवाज के अधिनियम सेक्शन 9 के तहत अपने पति पर केस डाल सकती थी कि वो मेरे पास रहे। अभी भी अगर इस महिला के पास काेई सुबूत है कि मेरे घर वाले ने शादी की है तो आईपीसी की धारा 494 और 495 के तहत दूसरा विवाह करने पर केस डाल सकती है।