बिहार के समस्तीपुर जिला स्थित क्वारंटाइन सेंटर में पानी की गाड़ी आने पर पानी के लिए लोगों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडे चलाना शुरु कर दिया. इस घटना में कई लोग घायल हो गए हैं.

समस्तीपुर: 

बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. अब तब इन पंचायत और ब्लॉक स्तर के केंद्रों पर तीन लाख से अधिक लोग रह रहे हैं, लेकिन कई जगहों पर व्यवस्था में अभाव और बद-इंतजामी की शिकायत भी हर दिन मिल रही है. ऐसी ही एक घटना बीते दिन समस्तीपुर जिला स्थित सिंघिया फुलहारा क्वारंटाइन सेंटर में देखने को मिली. इस सेंटर में लगभग 150 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. सेंटर में पानी का अभाव है. शनिवार को पानी की गाड़ी आने पर पानी के लिए लोगों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडे चलाना शुरु कर दिया. इस घटना में कई लोग घायल हो गए हैं. बताया जा रहा है कि पानी भरने को लेकर दो पक्षो में लड़ाई हो गई और मारपीट होने लगी. पुलिस के आने के बाद मामला शांत हुआ

बिहार सरकार द्वारा प्रवासी बिहारियों के लिए चलाया जा रहे क्वारंटाइन सेंटर में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. हर दिन करीब एक दर्जन जगह से इन कैंपों में खाने और व्यवस्था में कमी के कारण हंगामे की खबर और वीडियो सामने आते हैं. राज्य सरकार द्वारा भी इन कमियों को दूर करने के लिए निर्देश दिए जाते हैं.

वर्तमान में बिहार सरकार द्वारा 6,209 ब्लॉक स्तर पर वारंट विंसेंट चल रहे हैं, जिसमें शनिवार तक 3,53000 से ज्यादा लोग रह रहे हैं. इसके अलावा सीमावर्ती जिलों में भी 21 ऐसे राहत केंद्र चल रहे हैं, जिसमें 5,327 लोग शनिवार तक रुके हुए थे. सरकार का मानना है कि निश्चित रूप से हर कैंप में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है लेकिन लोगों के फीडबैक के आधार पर इसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है.

शनिवार को ही आपदा राहत विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया कि अगर इन केंद्रों में बासी खाना दिया गया तो उस केंद्र के संचालक के खिलाफ कार्रवाई होगी. विभाग ने इससे पूर्व हंगामा करने वालों या भाग जाने वालों को उनका टिकट और उसके अतिरिक्त 500 रुपये न दिए जाने की भी बात कही.

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