तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) को अपने दिल्ली कार्यक्रम की वजह से भारत में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) में भी जमात की जमकर आलोचना हो रही है. जमात ने बीते महीने पाकिस्तान में भी अपना सालाना कार्यक्रम किया था. ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब प्रांत की सरकार द्वारा भारी विरोध के बावजूद जमात ने वहां अपना सालाना कार्यक्रम आयोजित किया. पंजाब स्पेशल ब्रांच ने बताया कि 10 मार्च को हुए कार्यक्रम में 70 से 80 हजार लोगों ने शिरकत की थी.
तबलीगी जमात के प्रबंधन ने दावा किया कि उनके सालाना कार्यक्रम में ढाई लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे, इसमें 40 देशों से करीब 3000 लोग शामिल हैं. वह लोग अभी पाकिस्तान से अपने देश नहीं जा सके हैं क्योंकि पड़ोसी मुल्क ने कोरोना वायरस के चलते सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई हुई है
Tablighi Jamaat has been blamed for contributing to the spread of the coronavirus in Malaysia and Pakistan, not just India. Being accountable for spreading the coronavirus is not a matter of religious freedom but of public health.https://t.co/dYJvWxRHzh
— Dr David Frawley (@davidfrawleyved) April 7, 2020
तबलीगी जमात के एक हजार से ज्यादा सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर भारत और मलेशिया में संगठन की जमकर आलोचना हो रही है. भारत में सामने आ रहे कोरोना के कुल मामलों में 30 फीसदी जमाती हैं. पाकिस्तान की बात करें तो वहां अभी तक 4196 लोगों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है. वहां 60 मरीजों की मौत हो चुकी है.
तबलीगी जमात के रायविंद शहर में हुए कार्यक्रम के बाद वहां सैकड़ों जमातियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के मामले सामने आने लगे. जिसके बाद दो लाख जनसंख्या वाले इस शहर को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया. संगठन पर आरोप है कि उन्होंने कार्यक्रम को लेकर प्रशासन के आदेशों व हिदायतों को अनदेखा किया.
Tablighi Jamaat, the super spreader of the coronavirus in India appears to have caused a spike in the #coronavirus positive cases in Pakistan, too#coronaupdatesindia #Lockdown #COVIDー19https://t.co/lg3VbFGRDU
— Business Standard (@bsindia) April 9, 2020
जमात की ओर से सिर्फ इतना किया गया कि 6 दिवसीय कार्यक्रम को घटाकर तीन दिन कर दिया गया. बताया जा रहा है कि रायविंद मरकज में अभी भी करीब 5000 लोग हैं. इसमें से 3000 लोग विदेशी मूल के हैं. उड़ान सेवाएं रद्द होने की वजह से वह अपने देश नहीं जा पाए हैं. स्थानीय प्रशासन लगातार जमात प्रबंधन से सहयोग की अपील कर रहा है.