छेड़छाड़ के विरोध पर जिंदा जलाई गई युवती के शव को पुलिस के आश्वासन पर परिजनों ने दफनाया

बिहार के वैशाली में छेड़छाड़ का विरोध करने पर कथित रूप से आरोपियों द्वारा जिंदा जलाई गई युवती का परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस के आश्वासन के बाद परिवार ने धार्मिक रीति के अनुसार उसे दफना दिया। आपको बता दें कि युवती के परिवार के सदस्यों ने 15 नवंबर को पटना के कारगिल चौक पर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया था।

इधर जिन्दा जलायी गई 20 वर्षीय युवती के हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर महिला संगठनों से जुड़ी महिलाएं सामने आई हैं। हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने पर अखिल भारतीय एसोसिएशन और बिहार महिला समाज ने निंदा करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि पुलिस द्वारा अपराधियों को संरक्षण देना बंद होना चाहिए।

परिजनों से की मुलाकात

उन्होंने बताया कि भाकपा माले और अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की एक टीम ने वैशाली जिला के देसरी प्रखंड की मृतका के घर जाकर उसके परिवार से मुलाकात की और आसपास के लोगों से भी बातचीत की। इस टीम में भाकपा माले नेता विशेश्वर यादव और जिला सचिव योगेंद्र राय व अन्य साथी शामिल थे। टीम को मृतका की मां ने बताया कि 30 अक्टूबर की सुबह तीन लड़कों ने उसकी बेटी के साथ छेड़खानी की, जिसका उसने विरोध किया तो किरासन छिड़क कर उसे जिंदा जला दिया गया। पीएमसीएच में रेफर होने के बाद 15 नवम्बर को उसकी मौत हो गई।

दो माह बाद होने वाला था बेटी का निकाह

मां ने बताया कि 2017में उसके पति की मृत्यु हो गई तब से वह सिलाई का काम करके अपने बच्चों को पाल रही थी। वह सिलाई का काम करने रोज पटना सिटी आती है। उसके चार बच्चों (दो बेटियां और दो बेटे) में 20 वर्षीया बेटी बड़ी थी, जिसका दो महीने बाद निकाह होने वाला था। विधवा मां अपनी मेहनत के बल पर अपने बच्चों को पाल रही थी. उसे न तो कोई पेंशन मिलता है न किसी अन्य योजना का लाभ मिलता है। ऐपवा महासचिव मीना तिवारी से बात करते हुए मृतका की मां ने कहा कि मुझे बस इंसाफ चाहिए और कुछ नहीं।

अपराधियों से मिली है पुलिस

इस पूरे मामले में अपराधियों के साथ पुलिस की मिलीभगत साफ दिखती है। मौत से पहले पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने अपराधियों का नाम बताया लेकिन आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। भाकपा माले नेता विशेश्वर यादव ने कहा कि यदि अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया गया तो 18 नवंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।

माले और ऐपवा ने की मांग 

1.चांदपुरा ओपी प्रभारी और देसरी थानाध्यक्ष को तत्काल निलंबित किया जाए

2.सभी अभियुक्तों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और स्पीडी ट्रायल कर सजा दी जाए

3.मृतका की मां को सरकारी नौकरी और परिवार को मुआवजा दिया जाए

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