इंदौर के टाटपट्टी बाखल में बुधवार कोरोना संक्रमितों की जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया। स्वास्थ्यकर्मी जान बचाकर भागे। उपद्रवियों ने बैरिकेड्स भी तोड़ दिए। पुलिस ने इनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज किया है। छत्रीपुरा टीआई के अनुसार, घटना दोपहर सवा बजे टाटपट्टी बाखल की है। सिलावटपुरा में एक कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार स्क्रीनिंग कर रही है। संदिग्धों की जांच की जा रही है। इसी दौरान यहां लोगों ने पथराव कर दिया।

स्वास्थ्य विभाग की एक महिलाकर्मी ने पुलिस को बताया कि बुधवार को एक पॉजिटिव के कॉन्टेक्ट की हिस्ट्री मिली थी। वे उसे देखने के लिए वहां गए थे। टीम ने जैसे ही उसके बारे में पूछना शुरू किया तो सामने से आए कुछ उपद्रवियों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। टीम कुछ समझ पाती इसके पहले ही चेहरे पर रुमाल बांधकर कई लोग आ गए और चिल्लाते हुए पत्थर मारने लगे। इससे बचने के लिए महिलाएं और पुरुष स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर अपनी कारों की तरफ भागे। पता चला है कि उनके साथ एक तहसीलदार भी मौजूद थे। उपद्रवी पथराव करते हुए गली से मेनरोड की तरफ भागे। स्वास्थ्यकर्मी कार से सीधे थाने की तरफ भागे।

  • निगम के एक कर्मचारी कुलदीप का कहना है कि रविदासपुरा में कोने पर पानी भरा था, इसलिए उनकी टीम वहां काम कर रही थी। तभी पत्थरबाजी हुई। उन पर भी हमला हुआ तो वे लोग भाग निकले।
  • एसएसपी राजेश व्यास का कहना है कि टाटपट्टी बाखल में स्वास्थ विभाग की टीम आई थी। उनके साथ जवान भी मौजूद था। एक बुजुर्ग महिला को इलाज के लिए ले जाना था। तभी कुछ लोगों ने विरोध किया। बैरिकेड्स तोड़े और पथराव भी किया गया है। इस पर पुलिस अलग से संज्ञान ले रही है।

क्वारैंटाइन करने के नाम पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर परेशान करने का आरोप लगाने वाले परिवार के 3 सदस्य कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। मंगलवार रात आई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई। इन लोगों ने मंगलवार को दिन में एक वीडियो जारी कर ये आरोप लगाए थे और कहा था कि उनके परिवार में सब स्वस्थ हैं और जरूरत पड़ने पर 100-100 डिप्स भी लगा सकते हैं।

मशहूर शायर, राहत इंदौरी ने कहा, ‘कल रात 12 बजे तक मैं दोस्तों से फोन पर पूछता रहा कि वह घर किसका है, जहां डॉक्टरों पर थूका गया है, ताकि मैं उनके पैर पकड़कर माथा रगड़कर उनसे कहूं कि खुद पर, अपनी बिरादरी, अपने मुल्क व इंसानियत पर रहम खाएं। यह सियासी झगड़ा नहीं, बल्कि आसमानी कहर है, जिसका मुकाबला हम मिलकर नहीं करेंगे तो हार जाएंगे। ज्यादा अफसोस मुझे इसलिए हो रहा है कि रानीपुरा मेरा अजीज मोहल्ला है। ‘अलिफ’ से ‘ये’ तक मैंने वहीं सीखा है। उस्ताद के साथ मेरी बैठकें वहीं हुईं। मैं बुजुर्गों ही नहीं, बच्चों के आगे भी दामन फैलाकर भीख मांग रहा हूं कि दुनिया पर रहम करें। डॉक्टरों का सहयोग करें। इस आसमानी बला को फसाद का नाम न दें। इंसानी बिरादरी खत्म हो जाएगी। जिंदगी अल्लाह की दी हुई सबसे कीमती नेमत है। इस तरह कुल्लियों में, गालियों में, मवालियों की इसे गुजारेंगे तो तारीख और खासकर इंदौर की तारीख जहां सिर्फ मोहब्बतों की फसलें उपजी हैं, वह तुम्हें कभी माफ नहीं करेगी।

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