कोरोना लॉकडाउन में हर प्रवासी मजदूर किसी भी तरह से अपने घर पहुंचने की कोशिश कर रहा है। तपती गर्मी में सड़कों पर लोगों का हुजूम चला जा रहा है। या तो पैदल या फिर साइकिल से।
ऐसे ही एक प्रवासी मजदूर मोहम्मद इकबाल राजस्थान के भरतपुर से 250 किमी दूर साइकिल चलाकर यूपी के बरेली पहुंचा। लेकिन इसके लिए उसने साइकिल की चोरी की।
हालांकि उसे अपने इस कृत्य पर शर्मिंदगी भी महसूस हुई।
उसने साइकिल मालिक साहब सिंह से माफी मांगते हुए एक पत्र लिख छोड़ा। सिंह को यह पत्र बरामदे की सफाई करने के दौरान मिला। पत्र में इकबाल ने लिखा, ‘मैं मजदूर हूं , मजबूर भी। मैं आपका गुनहगार हूं। आपकी साइकिल लेकर जा रहूं। मुझे माफ कर देना। मुझे बरेली तक जाना है। मेरे पास कोई साधन नहीं है और दिव्यांग बच्चा है। ’
माफीनामे में उसने यह भी लिखा है कि उसका एक बच्चा है जो कि दिव्यांग है और वह चल नहीं सकता। उसी के लिए उसे ऐसा करना पड़ रहा है। इकबाल ने इस चिट्ठी में अपना अपराध स्वीकार किया है।