पश्चिम बंगाल में आए बीते सौ साल के सबसे शक्तिशाली तूफान ने भारी तबाही मचाई। महज कुछ घंटों में कोलकाता की पूरी तस्वीर बदल गई। बृहस्पतिवार सुबह कोलकाता का नजारा ऐसा था मानों सिटी ऑफ जॉय को किसी ने कुचल कर रख दिया हो।

जानकारोें के मुताबिक अब तक आने वाले तूफानों में सुंदरबन के मैंग्रोव जंगल कोलकाता को बचा लेते थे, लेकिन बुधवार शाम आए अम्फान के सामने सुंबरबन संकटमोचक नहीं बन सका। 120 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने हजारों पेड़ उखाड़ दिए। ऐसी कोई सड़क नहीं बची जहां पेड़ गिरने के कारण आवाजाही ठप नहीं हुई हो।

बिजली और केबल के खंभों के अलावा टेलीफोन और इंटरनेट की लाइनें तहस-नहस हो गईं। 12 सौ से ज्यादा मोबाइल टावर नष्ट होने से बुधवार रात से मोबाइल नेटवर्क लगभग ठप है। खंभे उखड़ने के कारण कोलकाता का ज्यादातर हिस्सा पूरी रात अंधेरे में डूबा रहा। कई हिस्सों में बिजली सप्लाई बहाल नहीं की जा सकी। बुधवार रात आठ से दस बजे के बीच दो घंटे में 220 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।

40 टन वजनी विमान भी डोल उठे
तूफान के दौरान कोलकाता हवाई अड्डे पर खड़े 40 टन वजनी विमान तूफान की चपेट में आकर ऐसे हिल रहे थे मानों कोई खिलौना हों। हवाईअड्डे पर बाढ़ जैसा नजारा है। तूफान की वजह से एक निजी विमान को नुकसान पहुंचा है। हालांकि दोपहर दो बजे से हवाई अड्डे का संचालन शुरू हो गया।

बंगाल में एक लाख करोड़ के नुकसान का दावा
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, शुरुआती दौर में करीब एक लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। नुकसान का सटीक आंकड़ा सामने आने में तीन चार दिन लगेंगे। सबसे अधिक नुकसान रेलवे को हुआ है।

नुकसान का आकलन करने गृहमंत्री की टीम जाएगी
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कहा, गृहमंत्रालय की टीमें नुकसान का आकलन करने जाएंगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। उन्होंने अधिकारियों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार के बराबर संपर्क में रहने का निर्देश दिया है।

ऐसी तबाही की कल्पना नहीं की
अम्फान भयानक होगा इसका अंदाजा था, लेकिन इतनी तबाही होगी इसकी कल्पना नहीं थी। पूरा महानगर कचरे के ढेर में तब्दील हो गया है। – फिरहाद हकीम, शहरी विकास मंत्री

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